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छत्तीसगढ़ में 400 नई गाड़ियां बन गई कबाड़, नहीं हो पाया डायल 112 का विस्तार, कौन जिम्मेदार ?

छत्तीसगढ़ में जनता के पैसे और सरकारी खजाने के दुरुपयोग की खबर सामने आई है. संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह की विशेष रिपोर्ट से जानिए.

MISUSE OF PUBLIC MONEY IN CG
जनता के पैसों में लग रहा जंग (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 9 hours ago

दुर्ग/रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक दो नहीं बल्कि 400 गाड़ियां धूल फांक रही है. जनता के लिए इस्तेमाल होने की जगह यह गाड़ियां कबाड़ में तब्दील हो रही है. बोलेरो कंपनी के ये वाहन डायल 112 के लिए खरीदी गई थी. प्रदेश के जिलों के पुलिस थानों में इसका इस्तेमाल होना था. जनता की सेवा में यह गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती नजर आनी चाहिए थी. उसके बजाय यह दुर्ग के अमलेश्वर स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बटालियन की तीसरी वाहिनी के ग्राउंड में यह खड़ी है. इस पूरे मुद्दे पर विपक्ष सवाल पूछ रहा है. सरकार अब इसकी जांच की बात कह रही है.

कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला: जनता के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों के जंग और कबाड़ में तब्दील होने की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंची. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया. पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू इस मुद्दे को लेकर सरकार पर बरसे. उन्होंने सरकार पर सीधे सीधे जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद करने का आरोप लगा दिया. सरकार से इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर डाली.

छत्तीसगढ़ में जनता के पैसे की बर्बादी (ETV BHARAT)

जनता की गाढ़ी कमाई को ऐसे बर्बाद नहीं करना चाहिए. गाड़ियों का इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा है, यह सरकार को बताना चाहिए . 40 करोड़ की लगभग 400 गाड़ियां कबाड़ बन गई है. इसकी क्या वजह है सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.- ताम्रध्वज साहू, पूर्व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़

धूल फांक रही नई गाड़ियां (ETV BHARAT)

कब खरीदी गई थी गाड़ियां?: ईटीवी भारत ने पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से गाड़ियों की खरीदी और उसके मकसद के बारे में बात की. सवाल के जवाब में ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इन गाड़ियों का टेंडर पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में जून 2023 को हुआ था. उसके बाद इन गाड़ियों को खरीदा गया. प्रदेश के कई जिलों में इस गाड़ियों का डायल 112 सेवा में इस्तेमाल किया जाना था. कई नए थाने बने थे उसमें यह गाड़ियां इस्तेमाल में लाई जानी थी. उसके बाद साल के अंत में चुनाव हुए और सरकार बदल गई. तब से यह गाड़ियां कबाड़ बन रही है. डायल 112 के विस्तार की परियोजना ठप है.

इस कैंपस में रखी गई है गाड़ियां (ETV BHARAT)

उस समय गाड़ियां खरीदी गई थी, कई नए-नए थाने और चौकियां बन रही थी और अलग-अलग कार्यालय खुल रहे थे. इन सबके लिए गाड़ियों की आवश्यकता थी. बहुत सारी गाड़ियां पुरानी हो गई. उसकी जगह इन गाड़ियों को रिप्लेस करना था. इसलिए इन गाड़ियों को खरीदा. इस बात कि मुझे जानकारी नहीं है, उन गाड़ियों को जिलों में भेजा गया या नहीं. अगर ये गाड़ियां दुर्ग के अमलेश्वर बटालियन में खड़ी है. इसकी जानकारी सरकार की ओर से आनी चाहिए.- ताम्रध्वज साहू, पूर्व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़

हरकत में गृह मंत्री विजय शर्मा: गाड़ियों के कबाड़ बनने और इसकी बर्बादी को लेकर जो खबरें आई है. उस पर प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा की तरफ से बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि इन गाड़ियों को लेकर विभाग से जानकारी मंगाई गई है. इन वाहनों की खरीदी की प्रक्रिया कैसे हुई. कब इन वाहनों को खरीदा गया और क्यों रखा गया. इसका उपयोग अब तक क्यों नहीं किया गया है और जल्द ही इसकी जानकारी मिल जाएगी.

गाड़ियों को सड़क पर दौड़ाने में होगा काफी खर्च: करीब एक साल से यह गाड़ियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है. गर्मी, सर्दी और बरसात में गाड़ियों के कलर और साजो सामान पर भी बुरा असर पड़ा है. खड़े खड़े गाड़ियां पूरी तरह कबाड़ में तब्दील हो रही है. ऐसे में इन 400 गाड़ियों को सड़कों पर दौड़ाने और चलाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने होंगे. उसके बाद ही यह गाड़ियां सड़कों पर चल सकेंगी.

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