पलामू:गढ़वा के भवनाथपुर में कर्ज चुकता नहीं करने पर नाबालिग को बंधक बनाने से जुड़े मामले ने नया मोड़ ले लिया है. जिस महिला ने लोन रिकवरी के नाम पर अपने बच्चे को मैनेजर द्वारा बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया था, उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दरअसल, दलित महिला को सेटिन क्रेडिट केयर नेटवर्क लि. नामक माइक्रोफाइनांस कंपनी ने 17 दिसंबर 2022 को 40 हजार रु का लोन दिया था. महिला लोन भी चुका रही थी. फिलहाल उसपर करीब 18 हजार रु. का बकाया है.
लेकिन अचानक 8 मार्च को पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया. आशा देवी ने भवनाथपुर थाना में लिखित शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि कंपनी के मैनेजर निगम यादव 20 फरवरी को गांव में आए और बैठकर बुलाकर उनसे बकाया राशि मुहैया कराने की मांग करने लगे. इसपर महिला ने लोन चुकाने में असमर्थता जाहिर की. महिला का आरोप है कि उसी रात निगम यादव फिर गांव में आए और उनके 13 साल के बेटे को अपने साथ लेकर दफ्तर चले गये. महिला का आरोप है कि बच्चे से घर का काम करवाया जाता था. साथ ही अलग अलग फोन से पैसे चुकाने की धमकी दी जाती थी. यह भी कहा कि पैसे नहीं दिए तो बच्चे की किडनी और आंख बेच देंगे. यहां तक की जान से मार देने की भी धमकी दी. एफआईआर में महिला ने यह भी लिखा है कि उसनें 6 मार्च को अपने रिश्तेदार अमरदेव राम से जब शिकायत की तो मैनेजर ने 10 दिन के भीतर पैसे लौटाने की शर्त पर बच्चे को लौटा दिया.
कंपनी ने उठाए कई सवाल
कंपनी के अधिकारी अश्विनी पारिख का कहना है कि अगर कंपनी के मैनेजर ने बच्चे को 20 फरवरी को ही अगवा कर लिया था तो महिला 8 मार्च को थाना क्यों पहुंची. उसी दिन थाने में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई. महिला ने खुद लिखा है कि एक रिश्तेदार के कहने पर मैनेजर ने बच्चे को छोड़ दिया. इसकी वजह से पूरा मामला संदेहास्पद बन गया है. इतने दिनों तक महिला कहां थी. बच्चे का एक वीडियो भी जारी किया गया है. उसमें बच्चा कह रहा है कि मैनेजर निगम यादव उसे अपने घर लेकर गये थे और घर का काम करवाते थे. काम से मना करने पर एक बार गला भी दबाया था.
कंपनी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद