धनबाद:जिले के निरसा के एक गांव में 9 नवंबर को शर्मनाक घटना घटी. जहां एक बेहद गरीब परिवार की 15 वर्षीय नाबालिग के साथ उसके चचेरे भाई ने दुष्कर्म किया. अब वह लड़की भी इस दुनिया में नहीं रही. इस बीच उसका अंतिम संस्कार भी चुपचाप कर दिया गया.
जब पिता अपने आसपास के लोगों के साथ बेटी का अंतिम संस्कार कर घर पहुंचा तो उसने बेटी द्वारा मोबाइल पर छोड़ा गया मैसेज सुना जिसमें पीड़िता ने अपनी कहानी बताई थी. यह मैसेज सुनने के बाद जब पिता पंचायत में गया तो वहां भी दबंगई का असर देखने को मिला.
मामला निरसा थाना क्षेत्र का है. नाबालिग के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 10वीं की छात्रा थी. वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. काली पूजा के अवसर पर वह छुट्टी पर घर आई थी. 5 नवंबर को उसने अपने चचेरे भाई से स्कूटी चलाने को कहा. उसने स्कूटी दे दी, लेकिन बाद में चचेरे भाई ने उसे कहा कि वह स्कूटी उसके नए घर पर लाकर उसे दे दे.
जब पीड़िता अपने चचेरे भाई के नए घर पहुंची तो उसने उसे वहीं पकड़ लिया. पीड़िता ने उसे छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन उसने उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता जब घर पहुंची तो पिता की गरीबी और लोक लाज के डर से उसने किसी को कुछ नहीं बताया. वह गुमसुम रहने लगी. जब उसके माता-पिता ने उसे परेशान देखा और मामले के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी तबीयत खराब है.
उसने खाना-पीना भी छोड़ दिया था. 9 नवंबर की शाम को उसके पिता काम पर गए थे और मां समूह ऋण के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की बैठक में शामिल होने गई थी. घर पर बुजुर्ग दादा-दादी अकेले थे तो उसने अपनी 7 वर्षीय बहन को बताया कि उसके साथ कुछ अनहोनी हो गई है. वह इस दुनिया में जिंदा नहीं रहेगी, लेकिन उसकी छोटी बहन को समझ नहीं आया. वह भी ट्यूशन के लिए गई हुई थी. मां जब घर पहुंची तो देखा कि घर का दरवाजा बंद था. पूछने पर पता चला कि बेटी अंदर है. उसने आवाज लगाई तो दरवाजा नहीं खुला. इस पर उसने गांव वालों को बुलाया और दरवाजे की कुंडी तोड़कर खोला तो देखा कि बेटी मर चुकी थी.