खूंटीः महान हॉकी खिलाड़ी और प्रखर राजनीतिज्ञ मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जन्मस्थली टकरा गांव में सिंचाई का अभाव है. यहां के ग्रामीणों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने करोड़ों की लागत से दर्जनों योजनाएं दी इसके बावजूद गांव के लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 122वीं जयंती के मौके पर एक बार फिर से ये सवाल उठा है. खूंटी में समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे माननीयों ने इसको लेकर अपनी अलग-अलग दलील प्रस्तुत की है.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा का गांव टकरा कृषि बहुल क्षेत्र है और यहां के लोग कृषि से गुजारा करते हैं. यहां के किसानों के लिए सरकार ने सिंचाई के लिए चैक डैम और एक बड़ा तालाब का निर्माण कराया गया. चेक डैम में लबालब पानी है लेकिन तालाब में एक बूंद पानी नहीं है. इसके निर्माण के बाद टकरा के गांवों में लिफ्ट इरिगेशन के तहत खेतों तक पानी पहुंचाया जाना था दुर्भाग्यवश खेतों तक पानी पहुंच ही नहीं पाया.
इसको लेकर लघु सिंचाई विभाग के जेई विवेक कुमार ने कहा कि चेक डैम बनकर तैयार है और सोलर के माध्यम से पानी की उपलब्धता कराई जानी थी लेकिन बारिश और तेज आंधी के कारण सोलर पैनल हवा में उड़ गये. इसको लेकर एजेंसी से पत्रचार किया गया है कि जल्द ही इसका कार्य पूर्ण करें. सोलर संचालित बिजली मिलने के बाद आगे का कार्य शुरू किया जा सकेगा. वहीं इस मामले पर पूर्व और वर्तमान विधायकों के अलग अलग राय है जबकि मरांग गोमके के वंशज जयंत जयपाल सिंह मुंडा ने लापरवाही की बात कही.
टकरा गांव की एक समाजसेवी शोभा देवी ने कहा कि गांव में आज भी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. सिंचाई के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गए चेक डैम से भी लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मरांग गोमके के पुत्र जयंत जयपाल सिंह मुंडा ने कहा कि गांव चेक डैम तो बन गया है लेकिन डैम का पानी गांव तक नहीं पहुंच पाता जिसके कारण ग्रामीण सिंचाई नहीं कर पाते. तेज हवा और पानी के कारण सोलर प्लेट उड़ गया उसके बाद विभाग और एजेंसी ने कभी ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि कृषि के लिए पानी की व्यवस्था हो जाये तो टकरा गांव में अपने आप बदलाव आएगा. घरों में पीने योग्य पानी की उपलब्धता हो गई है लेकिन खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यहां पर कृषि के लिए पानी की उचित व्यवस्था होनी चहिए.
खूंटी विधानसभा सीट पर 25 साल से लगातार विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा ने अपने कार्यकाल का बखान करते हुए कहा कि 2000 से पहले टकरा गांव में विकास नहीं हुआ. लेकिन उनके विधायक बनने के बाद टकरा गांव और टकरा पहुंचने के लिए पुल एवं सड़कों का निर्माण कराया गया. साथ ही पूर्व की सरकार में इस गांव को गोद लिया गया था. आदर्श गांव बनाने के बाद टकरा गांव में बुनियादी विकास किया. पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि लोगों को शिकायतें रहती हैं कि और भी कुछ हो जाता तो बेहतर रहता. लेकिन जितना दिया गया उतने में इस गांव को विकास के रास्ते में आगे बढ़ने के लिए काफी है.
तोरपा के नवनिर्वाचित विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा की जिस तरह पहचान है उसी तरह इस क्षेत्र को पर्यटन की तरह विकास किया जाना है. इस क्षेत्र में रोजगार सृजन कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पूर्व में किये वायदों के अनुसार अगर विकास नही हुआ है तो क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा और टकरा गांव में जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जाएगा. वहीं खूंटी विधायक सूर्या मुंडा ने कहा कि यहां बने ग्राउंड सहित अन्य कार्यों में कमियां दिखाई दी हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को विकास के लिए योजनाएं दी जाएंगी और लोगों को सशक्त बनाया जाएगा.
इसे भी पढ़ें- मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 122वीं जयंती, खूंटी स्थित समाधि स्थल पर माननीयों ने दी श्रद्धांजलि - JAIPAL SINGH MUNDA