भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव में किसानों को लुभाने के लिए अब पशुपालकों को 5 रुपये इंसेटिव देने की तैयारी कर रही है. इसके तहत राज्य सरकार दुग्ध उत्पादक किसानों को हर साल करीबन 200 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी देगी. प्रदेश के वित्त विभाग ने भी इस योजना का परीक्षण कर अपनी सहमति दे दी है. राज्य सरकार की कोशिश है कि दुग्ध उत्पादन के मामले में प्रदेश को देश में पहले स्थान पर लाया जाए. इसके लिए राज्य सरकार प्रदेश की 23 हजार पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव समितियां गठित करने के लिए किसानों को प्रात्साहित कर रही है.
सीधे किसानों से दूध खरीद रहा दुग्ध संघ
किसानों के सामने अब दूध बेचने की समस्या नहीं रही. यदि कोई पशुपालक बड़ी मात्रा में दुग्ध उत्पादन कर रहा है तो सांची और अमूल दुग्ध संघ सीधे किसानों से दूध खरीद रही हैं. यही वजह है कि राज्य सरकार पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव समितियां गठित करने का प्रयास कर रही है. इसके लिए पंचायतों के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और दूध की बिक्री की बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव पिछले दिनों गुजरात का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान अहमदाबाद में अमूल फेडरेशन और सांची दुग्ध संघ के अधिकारियों के बीच चर्चा हो चुकी है. बैठक में सहमति बन चुकी है कि प्रदेश में अमूल फेडरेशन सीधे सांची से ही दूध खरीदेगा. इससे दोनों संघों में प्रतिस्पर्धा की स्थिति पैदा नहीं होगी.
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