पटना: बिहार देश का सबसे अधिक युवा आबादी वाला राज्य है. बिहार में 57.02% आबादी युवाओं की है. इस श्रेणी में 25 साल से कम उम्र के युवा आते हैं. राज्य की युवा आबादी बेहतर शिक्षा नौकरी और स्किल डेवलपमेंट के लिए दूसरे राज्यों में की ओर मुखातिब है. बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक बिहार में 15 से 59 साल तक के लोगों की अनुमानित संख्या 7 करोड़ 23 लाख है. 2036 तक इसमें इजाफा होने की उम्मीद है और तीन प्रतिशत का इजाफा होना तय माना जा रहा है.
क्या कहता है आंकड़ाः इस हिसाब से 60% से अधिक आबादी युवाओं की हो जाएगी. विकास दर के मामले में बिहार टॉप पर है लेकिन ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार निचले पायदान पर है 2011-12 में ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में बिहार 36 वें पायदान पर था और 2017-18 में भी बिहार 36 वे स्थान पर रहा. राज्य के अंदर रूरल वर्कफोर्स भी काम है. पीएलएफएस के आंकड़े के मुताबिक बिहार में 25% वर्कफोर्स लो स्किल है.
युवाओं को हुनरमंद बनाने का प्रयासः बिहार में कुशल युवा प्रोग्राम की शुरुआत 16 दिसंबर 2016 में की गई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बिहार के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य के सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र खोला गया था, ताकि बिहार के युवा कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान प्राप्त कर सके. युवाओं को किस तरह से हुनरमंद बनाया जाए, इस दिशा में प्रयास करते हुए कुशल युवा प्रोग्राम के 5 साल हो गए हैं.
उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत: अर्थशास्त्री डॉक्टर अविरल पांडे का मानना है कि बिहार की लिटरेसी में सुधार तो हुआ है लेकिन हायर और टेक्निकल एजुकेशन में सुधार की जरूरत है. ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स के मामले में भी बिहार निचले पायदान पर है. इस क्षेत्र में भी सरकार को कम करने की जरूरत है. बिहार में 25% से ज्यादा लो स्किल वर्कफोर्स हैं. कास्ट सर्वे के मुताबिक बिहार के अंदर टेक्निकल वर्कफोर्स काम है चार्टर एकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर की संख्या कम है और उच्च शिक्षा में ड्रॉप आउट लगातार बढ़ रहा है.