महू: बड़गोंदा थाना क्षेत्र के बेरछा में फायरिंग रेंज है. जहां सेना के जवान अभ्यास करते हैं. अभ्यास के दौरान कई बार सेना द्वारा चलाए गए बम बिना फूटे रह जाते हैं और जमीन में दब जाते हैं. जिसका शिकार कई बार ग्रामीण हो चुके हैं. बता दें कि, बडगोंदा थाना क्षेत्र के बेरछा आर्मी फायरिंग रेंज में आम लोगों का जाना प्रतिबंधित है, लेकिन आसपास के रहने वाले किसान और ग्रामीण मवेशी चराने और लकड़ी बिने के लिए वहां पर घुस जाते हैं. ऐसा ही हादसा बड़गोंदा थाना क्षेत्र से सामने आया है. जहां ग्रामीण ने जमीन में दबे बम को निकालने का प्रयास किया, जिससे बम अचानक फूट गया और ग्रामीण की मौत हो गई.
लकड़ी बीनने गए युवक को मिला बम
बड़गोंदा पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक किसान किशन प्रजापति अपनी पत्नी के साथ लकड़ी बीनने के लिए फायरिंग रेंज में प्रवेश कर गया, लेकिन इसी दौरान वहां पर एक बम किशन को दिखा. बम को निकालने के प्रयास में उसमें विस्फोट हो गया. इस दौरान किशन की मौके पर मौत हो गई. जबकि उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बेरछा में फायरिंग रेंज में हुआ धमाका (ETV Bharat) कहां से आया बम, जांच जारी
बड़गोंदा थाने के थाना प्रभारी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि, ''जमीन में धंसे बम को निकालने के प्रयास के दौरान ग्रामीण की मौत की हुई है. हादसे सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए मध्य भारत अस्पताल भेजा गया. पुलिस जांच कर रही है कि यह बम कौन सा था और यहां कैसे आया था.''
एसपी ग्रामीण हितिका वास्केल ने बताया कि, ''फायरिंग रेंज में पति-पत्नी लकड़ी बीनने गए थे. उनकी नजर बम पर पड़ी. उन लोगों ने बम को छेड़ा तभी बम फट गया. जिसमें पति की मौत हो गई, वहीं महिला की हालत स्थिर है. फायरिंग रेंज में जाना वर्जित है फिर भी पति पत्नी चले गए थे और यह हादसा हो गया.''
पूर्व में भी हो चुके हैं हादसे
बताया जा रहा है कि, पूर्व में भी बड़गोंदा थाना क्षेत्र में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें सेना की फायरिंग रेंज के आसपास सेना द्वारा अभ्यास के दौरान चलाए गए बम फूटने से रह जाते हैं. बाद में आम लोग इसके संपर्क में आते हैं और यह फूट जाते हैं. ऐसे में लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं. वहीं आर्मी भी कई बार लोगों को हिदायत और चेतावनी भी दे चुकी है, लेकिन उसके बाद भी लोग लगातार उस रेंज में घुस जाते हैं और घटनाक्रम का शिकार हो जाते हैं. बता दें कि 2024 में भी बकरी चराने गए एक नाबालिग युवक की बम फटने से मौत हो गई थी.