पटना:देश में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बहस जारी है. विवाद को खत्म करने के लिए केंद्र की सरकार ने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) का गठन किया है. जेपीसी ने बिहार का दौरा किया और दोनों पक्षों के लोगों से राय ली. संबंधित पक्ष ने अपने-अपने प्रस्ताव जेपीसी के सामने रखें. विपक्षी पार्टी राजद के नेताओं ने इसका विरोध किया है.
राजनीतिक दलों ने रखी राय: बिहार में बड़े पैमाने पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति सिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास है. राजनीतिक दलों के बीच बोर्ड संशोधन बिल को लेकर बहस जारी है. बिहार के तमाम राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय भी दी है. राजधानी पटना के होटल में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बैठक हुई. जेपीसी की टीम के सामने संबंधित पक्ष और राजनीतिक दलों ने अपनी राय रखी.
पार्टी प्रतिनिधि शामिल: जेपीसी के बिहार दौरे पर कई सदस्यों ने टीम के सामने अपना पक्ष रखा पक्ष रखने वालों में सिया वक्त बोर्ड के अध्यक्ष, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा सिविल सोसाइटी के लोग और अवकाश प्राप्त नौकरशाह और भाजपा की ओर से भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. राष्ट्रीय जनता दल ने भी अपने प्रतिनिधि को बैठक में भेजा था.
जदयू प्रतिनिधि नहीं पहुंचे: राजद एमएलसी ने कहा कि मैने अपनी पार्टी की बातों को मजबूती के साथ रखा है. राजद एमएलसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि बैठक में सीएम नीतीश कुमार के कोई प्रतिनिधि नहीं थे. कहा कि नीतीश जी का डबल चेहरा लोगों के सामने है. नीतीश जी का भगवाकरण हो चुका है. देश संकट में है.
"यह इतना खतरनाक बिल है, जिसे अगर कोई पढ़ लेगा को रोंगटे खड़ा हो जाएगा. हमारी पार्टी हमेशा इसका विरोध करती आयी है और करती रहेगी."-कारी शोएब, एमएलसी, राजद