जयपुर. राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करवाने और नौकरी लगवाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही एसओजी लगातार ऐसे गिरोहों का खुलासा कर शातिरों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है. अब एसओजी ने एक ऐसी ही गैंग का पर्दाफाश किया है. जिसने तीन भर्ती परीक्षाओं में एक शातिर को डमी अभ्यर्थी बनाकर बिठाया और छह लोगों को परीक्षा पास करवाकर नौकरी हथिया ली. खास बात यह है कि इस गैंग में तीन सगे भाई और एक उनका मामा भी शामिल है. एसओजी ने इस गिरोह से जुड़े तीन बदमाशों को अब तक गिरफ्तार किया है. जबकि गैंग का सरगना अभी भी फरार है. वह अपनी जगह डमी अभ्यर्थी को परीक्षा और साक्षात्कार दिलवाकर एसआई बना और इंटेलिजेंस में तैनात था. मामले का खुलासा होने के बाद से वह फरार चल रहा है.
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया, भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने वाले रोशनलाल मीणा को गिरफ्तार करके पूछताछ की तो इस गैंग के कई राज सामने आए हैं. इस गिरोह का सूत्रधार मनीष मीणा है. जिसने अपनी जगह रोशनलाल मीणा को बिठाकर परीक्षा पास की. मनीष की जगह रोशनलाल ने ही साक्षात्कार भी दिया. मनीष 2020 से इंटेलिजेंस में एसआई के पद पर तैनात रहा. भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले गिरोहों पर एसओजी ने शिकंजा कसना शुरू किया. तब से वह फरार चल रहा है. मनीष मीणा के भाई दीपक मीणा की जगह एसआई भर्ती-2021 में रोशनलाल मीणा ने परीक्षा दी थी. वह लिखित परीक्षा में पास भी हो गया था. हालांकि, वह फिजिकल टेस्ट पास नहीं कर पाया. अब दीपक भी एसओजी के हत्थे चढ़ गया है.
मामा और भांजा बन गए वाणिज्यिक कर में लिपिक :मनीष मीणा के एक दूसरे भाई दिनेश मीणा और मामा महेश कुमार मीणा ने वाणिज्यिक कर विभाग में लिपिक ग्रेड-2 के लिए आवेदन किया. इन दोनों की जगह रोशनलाल मीणा ने परीक्षा दी और दोनों पास हो गए. दिनेश और महेश वाणिज्यिक कर विभाग में लिपिक ग्रेड-2 के पद पर नौकरी कर रहे हैं. इनमें से महेश मीणा को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दिनेश मीणा की तलाश में एसओजी के अधिकारी जुटे हुए हैं.