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मामा-भांजों ने बनाई डमी अभ्यर्थी बिठाने वाली गैंग, फर्जीवाड़े से SI बना शातिर...निकला मास्टरमाइंड - SOG Action

राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने वाले गिरोहों को लेकर एसओजी लगातार खुलासे कर रही है. जांच में सामने आया है कि मामा और तीन भांजे मिलकर डमी अभ्यर्थी बिठाने की गैंग चला रहे थे. इनका सरगना भी डमी अभ्यर्थी से परीक्षा और इंटरव्यू दिलवाकर राजस्थान पुलिस में एसआई बन गया. वह अब फरार है.

Dummy Candidate Case
Dummy Candidate Case (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2024, 11:47 AM IST

Updated : Sep 23, 2024, 11:59 AM IST

जयपुर. राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करवाने और नौकरी लगवाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही एसओजी लगातार ऐसे गिरोहों का खुलासा कर शातिरों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है. अब एसओजी ने एक ऐसी ही गैंग का पर्दाफाश किया है. जिसने तीन भर्ती परीक्षाओं में एक शातिर को डमी अभ्यर्थी बनाकर बिठाया और छह लोगों को परीक्षा पास करवाकर नौकरी हथिया ली. खास बात यह है कि इस गैंग में तीन सगे भाई और एक उनका मामा भी शामिल है. एसओजी ने इस गिरोह से जुड़े तीन बदमाशों को अब तक गिरफ्तार किया है. जबकि गैंग का सरगना अभी भी फरार है. वह अपनी जगह डमी अभ्यर्थी को परीक्षा और साक्षात्कार दिलवाकर एसआई बना और इंटेलिजेंस में तैनात था. मामले का खुलासा होने के बाद से वह फरार चल रहा है.

एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया, भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने वाले रोशनलाल मीणा को गिरफ्तार करके पूछताछ की तो इस गैंग के कई राज सामने आए हैं. इस गिरोह का सूत्रधार मनीष मीणा है. जिसने अपनी जगह रोशनलाल मीणा को बिठाकर परीक्षा पास की. मनीष की जगह रोशनलाल ने ही साक्षात्कार भी दिया. मनीष 2020 से इंटेलिजेंस में एसआई के पद पर तैनात रहा. भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले गिरोहों पर एसओजी ने शिकंजा कसना शुरू किया. तब से वह फरार चल रहा है. मनीष मीणा के भाई दीपक मीणा की जगह एसआई भर्ती-2021 में रोशनलाल मीणा ने परीक्षा दी थी. वह लिखित परीक्षा में पास भी हो गया था. हालांकि, वह फिजिकल टेस्ट पास नहीं कर पाया. अब दीपक भी एसओजी के हत्थे चढ़ गया है.

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मामा और भांजा बन गए वाणिज्यिक कर में लिपिक :मनीष मीणा के एक दूसरे भाई दिनेश मीणा और मामा महेश कुमार मीणा ने वाणिज्यिक कर विभाग में लिपिक ग्रेड-2 के लिए आवेदन किया. इन दोनों की जगह रोशनलाल मीणा ने परीक्षा दी और दोनों पास हो गए. दिनेश और महेश वाणिज्यिक कर विभाग में लिपिक ग्रेड-2 के पद पर नौकरी कर रहे हैं. इनमें से महेश मीणा को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दिनेश मीणा की तलाश में एसओजी के अधिकारी जुटे हुए हैं.

पटवारी, लिपिक और एसआई भर्ती में डमी अभ्यर्थी :एसओजी की अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि रोशनलाल मीणा ने मनीष और दीपक की जगह एसआई भर्ती परीक्षा दी. दिनेश और महेश की जगह लिपिक ग्रेड-2 की परीक्षा में वह डमी अभ्यर्थी के रूप में बैठा. इसके साथ ही उसने कंचनलाल मीणा और सागर मीणा की जगह पटवारी सीधी भर्ती में भी डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी. दोनों का चयन भी हो गया. कंचनलाल अलवर में और सागर अजमेर में पटवारी के पद पर कार्यरत है.

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अब तक तीन गिरफ्तार, तीन की एसओजी को तलाश :भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाने के मामले में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने वाला रोशनलाल मीणा पहले ही एसओजी के हत्थे चढ़ चुका है. अपनी जगह रोशनलाल को परीक्षा दिलवाने वाले दीपक मीणा और महेश कुमार मीणा को एसओजी ने रविवार को गिरफ्तार किया है. जबकि मनीष कुमार मीणा, दिनेश मीणा और सागर मीणा के खिलाफ एसओजी ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करवा रखा है. मनीष पर 25 हजार रुपए का और दिनेश पर दस हजार रुपए का इनाम भी घोषित है.

रेलवे में हेल्पर, फिर शिक्षक बना रोशनलाल :डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने वाला रोशनलाल दौसा का रहने वाला है. वह 2013 से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. पहले चार साल रेलवे में हेल्पर रहा. फिर 2017 में उसका चयन शिक्षक ग्रेड-3 के रूप में हो गया. उसने नेट-स्लेट भी क्लियर कर रखी है. रोशनलाल 16 परीक्षा केंद्रों पर डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दे चुका है. मनीष अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट के रूप में रोशनलाल को बिठाने का सौदा तय करता. एक परीक्षा देने के बदले 5-7 लाख रुपए में सौदा तय होता.

Last Updated : Sep 23, 2024, 11:59 AM IST

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