अररिया: बिहार में अलग अलग शहरों में नियोजित शिक्षक संघ ने मशाल जुलूस निकालकर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई. इसी क्रम में अररिया जिले में भी नियोजित शिक्षकों का हुजूम मशाल लेकर सड़क पर उतरा. बिहार शिक्षक एकता मंच के आह्वान पर शनिवार की शाम को जिले के सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा के मांग के समर्थन में हुंकार भरी और मशाल जुलूस निकाला.
अररिया में नियोजित शिक्षकों का मशाल जुलूस: बता दें कि मशाल जुलूस बस स्टैंड से एडीबी चौक होते हुए चांदनी चौक तक गई. मशाल जुलूस का नेतृत्व कर रहे शिक्षक एकता मंच अररिया के संयोजक व शिक्षकों के मुद्दे को अपना समर्थन दे रहे फैसल जावेद यासीन ने कहा कि शिक्षक परीक्षा से नहीं डर रहे हैं. विभाग की नियत साफ नहीं है, इसी से शिक्षकों को परेशानी है. शिक्षक जब दक्षता परीक्षा और टीईटी जैसी कठिन परीक्षा देकर अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं, तो बार बार परीक्षा लेने का क्या औचित्य बनता है?
''नियोजित शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित व वर्षों पुरानी मांग है कि बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिले. नियोजित शिक्षकों को सरकार ने राज्यकर्मी बनाने की घोषणा तो की, मगर उनमें जो शर्त लगा दी है वह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. बीपीएससी से जब लाखों शिक्षकों की बहाली ऑफलाइन हो सकती है तो नियोजित शिक्षकों की परीक्षा ऑफलाइन क्यों नहीं हो सकती है.''-फैसल जावेद यासीन, प्रदर्शनकारी शिक्षक