कोडरमा: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर फरवरी महीने में किसान आंदोलन में पथराव की घटना में घायल सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर उमा चरण पासवान की दिल्ली में इलाज के क्रम में मौत हो गई. मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर कोडरमा के सतगावां प्रखंड स्तिथ भखरा गांव पहुंचा. जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे. यह दृश्य देख सभी की आंखें नम हो गई. परिजनों के करुण क्रंदन से पूरा इलाका गमनीन हो गया. इस दौरान लोगों ने शहीद उमा चरण पासवान अमर रहे के नारे लगाकर उन्हें अंतिम विदाई दी.
40 जवानों का समूह दिल्ली से पहुंचा पार्थिव शरीर लेकर
बात दें कि सीआरपीएफ के तकरीबन 40 जवानों का एक समूह दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर लेकर मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा था. जहां उन्हें सीआरपीएफ की ओर से अंतिम विदाई दी गई.
1992 में सीआरपीएफ में बहाल हुए थे उमा चरण
बताते चलें कि साल 1992 में सीआरपीएफ में बतौर कांस्टेबल बहाल हुए उमा चरण पासवान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सुरक्षा में भी तकरीबन 2 साल तैनात रहे थे. इसके बाद उनका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया था. किसान आंदोलन से पहले उनका तबादला दिल्ली हो गया था.
किसान आंदोलन के दौरान पथराव में घायल हुए थे उमा चरण
किसान आंदोलन के समय वे वहां सुरक्षा में तैनात थे. इसी बीच 16 फरवरी को किसानों की ओर से किए गए पथराव में उमा चरण गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां तकरीबन 4 महीने तक जिंदगी और मौत से जूझते हुए उन्होंने दम तोड़ दिया.