बल्लारी: जिला अस्पताल में दो दिनों में प्रसव के दौरान तीन गर्भवती महिलाओं की मौत होने की खबर से इलाके में सनसनी फैल गई है. इस घटना से लोगों में प्रशासन के खिलाफ रोष है. इस गंभीर घटना के बीच कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक जांच टीम गठित करने का आदेश दिया है.
सिजेरियन डिलीवरी के बाद अचानक गंभीर रूप से बीमार हुई रोजा (19) की गुरुवार को मौत हो गई. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि इससे पहले नंदिनी और ललितम्मा की बुधवार को मौत हो गई थी. इन गंभीर घटनाओं की जांच के लिए वाणी विलास अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सविता सी, बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एवं शोध संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भास्कर बी और सहायक प्रोफेसर डॉ. हर्षा टीआर की एक जांच टीम गठित की गई है.
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वे बेल्लारी जिला अस्पताल का दौरा करें और प्रसव के दौरान हुई मौत के कारणों की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करें. मामले के संबंध में जिला वरिष्ठ सर्जन बसारेड्डी एन ने टिप्पणी की, 'गर्भवती की मौत के दिनों में अलग-अलग डॉक्टर थे.
हर दिन एक-एक करके डॉक्टर ड्यूटी पर आते हैं. मौत के दो मामलों में पहले से ही कोई समस्या थी. फिर भी हमने पूरी कोशिश की. हमने परिवार वालों को जोखिम के बारे में बताने के बाद ही इलाज किया. मामले की जांच चल रही है. इस पर रिपोर्ट आएगी.
उन्होंने कहा, 'इसके बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमने दो दिन में 70 ऑपरेशन किए हैं. बाकी सभी स्वस्थ हैं. हम मौत का सही कारण नहीं बता सकते. जांच के बाद रिपोर्ट की पुष्टि की जाएगी.'
बेल्लारी शहर के विधायक नरभरत रेड्डी ने इस बारे में कहा, 'डॉक्टरों ने कहा कि एक गर्भवती महिला को प्लेटलेट्स कम होने की समस्या थी. पता चला कि कुछ गड़बड़ था और उन्होंने कहा कि सात गर्भवती महिलाओं को वीआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया है. डॉक्टर ने कहा कि वहां इलाज दिया जा रहा है. जिस तरह से उन्होंने बात की, उससे मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैं उसी की जांच के लिए वीआईएमएस आया था.'