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शिशुपाल की तरह केजरीवाल के भी 100 पाप, खट्टर बोले - अब दिल्ली करेगी हिसाब - MANOHAR LAL ON ARVIND KEJRIWAL

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुरुक्षेत्र में दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल पर तीखा हमला किया है.

INTERNATIONAL SARASWATI MAHOTSAV
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 2, 2025, 10:59 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को कुरुक्षेत्र के पिहोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत आज से 10-11 साल पहले हुई थी. अब इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है. दिल्ली चुनाव को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है. वहां की जनता केजरीवाल के झूठ से परेशान हो चुकी है.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की जीत पर उन्होंने बोला कि भारतीय जनता पार्टी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. हरियाणा में भी पिछले 10-11 सालों से हमारी सरकार है. हमने हर चुनाव में जीत हासिल की है. जहां हमारी सरकार बनती है तो आसपास के क्षेत्र पर उसका प्रभाव जरूर पड़ता है. इसी के चलते हमने चंडीगढ़ मेयर का चुनाव जीता है. उन्होंने कहा कि आने वाले इन पांच सालों के बाद अगले 5 साल भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी. पूरे 20 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहना निश्चित है.

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव (ETV Bharat)

केजरीवाल के 100 झूठ पूरे : यमुना पर हो रहे वार-पलटवार पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने यमुना के पानी को लेकर हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है. वो हमेशा झूठ बोलते हैं. झूठ के सिवा उनके पास कुछ नहीं है. जिस प्रकार शिशुपाल के 100 झूठ होने के बाद भगवान कृष्ण ने उनको सजा दी थी, इसी प्रकार केजरीवाल के भी झूठ और पाप 100 हो गए हैं. अब केजरीवाल का हिसाब दिल्ली की जनता चुनाव में करेगी.

सरस्वती रूट की जमीनों को खरीदा जा रहा - खट्टर (ETV Bharat)

सरस्वती रूट की जमीनों को खरीदा जा रहा : केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहुंचे और महोत्सव के सरस मेले का अवलोकन किया. केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पवित्र सरस्वती नदी को हरियाणा की पावन धरा पर प्रवाहित करने के प्रयास 1986 से शुरू किए गए थे. इस अहम कार्य को लेकर ही 10 वर्ष पूर्व हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की स्थापना की गई. इन 10 वर्षों में बोर्ड के माध्यम से सरस्वती नदी के मार्ग पर जमीनों से कब्जा हटवाने के लिए करीब 80 प्रतिशत जमीन या तो दान में या फिर खरीद ली गई है. इस कार्य के पूरा होने के बाद सरस्वती नदी को फिर से प्रवाहित करने के प्रयास पूरे हो जाएंगे.

आरती स्थल पर मनोहर लाल खट्टर (ETV Bharat)

इसके बाद केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री सरस्वती तीर्थ पर बनाए गए आरती स्थल पर पहुंचे, यहां पर शंखनाद की ध्वनि के साथ 1100 विद्यार्थियों के संग केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने मां सरस्वती के श्लोकों का उच्चारण किया. इन श्लोकों उच्चारण से बसंत पंचमी के पावन पर्व पर सरस्वती तीर्थ का पूरा माहौल सरस्वतीमय बन गया.

गजेन्द्र फौगाट की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया : केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल ने महोत्सव के मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलित करके विधिवत रूप से प्रसिद्ध लोक कलाकार गजेन्द्र फौगाट की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया. इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने सरस्वती जंगम का विमोचन किया और प्रदेशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों से नदियों को पवित्र माना गया है और प्रकृति के पांच तत्व भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल को भगवान की संज्ञा देकर हमेशा पूजा जाता रहा है. इन पांचों तत्वों की पूजा करने से अच्छे संस्कार मिलते है और अच्छे संस्कारों से अच्छे समाज और देश की नींव रखी जा सकती है.

पिहोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव (ETV Bharat)

हरियाणा से गुजरती थी सरस्वती नदी : उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरा से बहने वाली पवित्र सरस्वती नदी के किनारे वेदों और पुराणों की रचना हुई. इसलिए इतिहास को देखते हुए सरकार ने बिलासपुर का नाम बदलकर महर्षि व्यास के नाम पर व्यासपुर और मुस्तजापुर का नाम बदलकर सरस्वती नगर का नाम रखा है. उन्होंने कहा कि सैटेलाइट और अन्य वैज्ञानिक तथ्यों से अब साबित हो चुका है कि सरस्वती नदी का बहाव आदिबद्री से होकर हरियाणा से होते हुए रण ऑफ कच्छ तक पहुंचता है. इस सरस्वती नदी के मार्ग को खोजने के लिए डॉ. वांकडकर से उनकी बात हुई थी और 1986 से तीन दिन तक आदि बद्री से पिहोवा तक यात्रा की थी. इस नदी के किनारे ही पिंडदान और अस्थियों को विर्सजन किया जाता है.

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को देव भूमि भी कहा जाता है और अब लुप्त हो रहे इतिहास और संस्कृति को सहेजने के लगातार प्रयास किए जा रहे है. अब सरस्वती नदी को लेकर लगातार शोध चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा. इसी जनजागरण को लेकर महोत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है

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