मैहर:मध्य प्रदेश सरकार के लाख दावों के बाद भी मैहर जिले में खाद की किल्लत दूर नहीं हो रही है. खाद के लिए किसानों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. खाद के लिए महिलाएं भी लाइन में खड़ी होती हैं. यूरिया, डीएपी खाद की भारी कमी से मैहर जिला जूझ रहा है. वहीं, प्रशासन बार-बार दावे कर रहा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. मैहर नगर के डबल लाकर कटिया कला सोसाइटी में खाद के लिए किसान सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं. इसके अलावा खाद न मिलने की दशा में देर रात तक लाइन पर लगे रहते हैं.
किसानों को नहीं मिल रही खाद
तमाम किसानों का दावा है कि वह 2 दिन से खाद के लिए ऐसे ही लाइन में लगते हैं और शाम को खाली हाथ चले जाते हैं. किसानों को खाद नहीं मिल रही है, जबकि धान की फसल के लिए यूरिया खाद की बेहद जरूरत है, अन्यथा धान की अच्छी पैदावार नहीं हो पाएगी. जिला मुख्यालय के आसपास के सैकड़ों गांवों से किसान खाद लेने के लिए मैहर नगर पहुंच रहे हैं. लेकिन खाद की कमी के चलते उनको खाद नहीं मिल पा रही है. पुरुष ही नहीं महिला किसानों को भी खाद के लिए लाइन लगाना पड़ता है. मगर खाद मिल ही जाएगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है. लंबी लाइनों में खड़े किसानों के चेहरे में सिर्फ निराशा ही देखने को मिल रही है.
शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं
अजमाइन से आए किसान पुरुषोत्तम दास पटेल ने बताया कि, ''खाद की पर्ची वितरण में बहुत गड़बड़ी की जा रही है, जो लोग पहले आए हैं वह लाइन में लगे हैं और काउंटर पर अपने चाहेतों को पर्ची बना कर दी जा रही है.'' लटा गांव निवासी नरेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि, ''वह सुबह 9 बजे से पांच बोरी डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे हैं. इस बरसात में किसानों को दिनभर लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. जहां महिलाओं के लिए सुलभ शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है.''
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