भोपाल।मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार का एक नियम स्कूल शिक्षा विभाग के गले की फांस बन गया. जिससे सरकार को 5 महीने के अंदर ही पुराना आदेश बदलना पड़ गया. अब नए आदेश के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र में 6 महीने की छूट दी गई है. यानि प्रदेश के स्कूलों की पहली क्लास में अब अधिकतम 8 साल की उम्र तक के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. वहीं प्री-प्राइमरी कक्षाओं में 4 महीने की आयु सीमा बढ़ाई गई है.
छात्रों की संख्या घटी,बदला नियम
बता दें कि एमपी के 2 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में जीरो ईयर की नौबत आ गई है. 1 अप्रैल से शुरु हुई प्रवेश प्रक्रिया के तहत इन स्कूलों में एक भी बच्चे ने एडमिशन नहीं लिया है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छात्रों की संख्या में भी कमी आई है. वर्ष 2023-24 में जहां पहली कक्षा में 6.94 लाख बच्चों ने प्रवेश लिया था वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर 3.5 लाख तक पहुंच गया है. ऐसे में यदि उम्र संबंधी नियम में छूट मिलती है तो पहली कक्षा में प्रवेश करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ सकती है. इधर अभिभावक भी पहली कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र संबंधी नियम में छूट देने की मांग कर रहे थे.
नए आदेश में बच्चों को मिलेगी इतनी छूट
नए नियमों के तहत पहली कक्षा में 6 महीने और प्री-प्रायमरी कक्षाओं में 4 महीने की छूट दी गई. संशोधित आदेश में प्री-प्रायमरी कक्षाओं (नर्सरी, केजी वन, केजी टू) के लिए आयु सीमा अब एक अप्रैल 2024 के स्थान पर 31 जुलाई 2024 रहेगी, जबकि पहली कक्षा के लिए एक अप्रैल 2024 के स्थान पर आयु सीमा 30 सितंबर 2024 रहेगी. अब तक नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 के साथ ही कक्षा-1 में प्रवेश के लिए बेसलाइन 1 अप्रैल को बनाया गया था. इस वजह से एलकेजी और यूकेजी एवं कक्षा-1 में एडमिशन को लेकर अभिभावकों को दिक्कतें हो रही थी. कक्षा-1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम 6 वर्ष का होना आवश्यक है. यदि बच्चा एलकेजी और यूकेजी पास करने के बाद 1 अप्रैल को 5 साल 8 महीने का भी है तो उसे कक्षा-1 में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. जिससे बच्चों को 1 साल रिपीट करना पड़ता था. अब पहली कक्षा के लिए बेसलाइन 30 सितंबर करने से साढ़े 5 वर्ष के बच्चे को भी पहली कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा.