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IIT स्टडी में ग्वालियर बना शहरों का सरताज, मध्य प्रदेश के प्रदूषित शहरों में टॉप रैंकिंग - GWALIOR MOST POLLUTED CITY

IIT इंदौर ने मध्यप्रदेश की 10 स्मार्ट सिटी पर सर्वे किया. स्टडी में ग्वालियर को वायू प्रदूषण में अव्वल माना गया है. पढ़िए ग्वालियर से पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट.

Gwalior top in air pollution
ग्वालियर वायु प्रदूषण में अव्वल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2025, 3:08 PM IST

Updated : Jan 6, 2025, 4:24 PM IST

ग्वालियर: जैसे जैसे उद्योग फैक्ट्रियां और वाहनों की संख्या भारत में बढ़ रही हैं, वैसे ही वायु प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. हाल ही में इंदौर आईआईटी की स्टडी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि मध्यप्रदेश में 10 स्मार्ट सिटी पर हुए सर्वे में पता चला है कि, ग्वालियर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर हैं ये स्टडी एआई की मदद से पिछले 24 वर्षों के आंकड़ों पर की गई है.

आईआईटी इंदौर द्वारा प्रदेश के प्रदूषित शहरों में जहां ग्वालियर अव्वल है तो वहीं दूसरे नंबर पर रीवा है. यहां तक की भोपाल और इंदौर की आबोहवा भी चिंताजनक बतायी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वालियर का पीएम 2.5 (पर्टिकुलर मैटर- हवा में प्रदूषण कण) पिछले सालों में तेजी से बढ़ा है. क्योंकि यहां साल में 69 दिनों तक प्रदूषण पार्टिकल हवा में रहते हैं. जो आबोहवा को इतने समय तक खतरनाक बनाते हैं.

GWALIOR TOP IN AIR POLUTION
प्रदेश की स्मार्टसिटियों में ग्वालियर वायु प्रदूषण में अव्वल (ETV Bharat)

चिंताजनक हैं प्रदेश के आंकड़े
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर इंदौर आईआईटी ने दावा किया है कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के तय मानक के अनुसार पर्टिकुलर मेटर (निर्माण कार्यों, फैक्ट्रियों-वाहनों का धुआं और अन्य वजह से उत्सर्जन होने वाले प्रदूषण कण) 2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए. लेकिन ग्वालियर का पीएम 2.5 स्तर औसतन 44.77 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर सालाना है, जो कि लगभग नौ गुना ज्यादा है. ठीक इसी तरह रीवा में स्तर- 42.59 और इंदौर में 24.99 सालाना दर्ज हुआ है.

सर्दियों में मौसम के साथ बढ़ता है प्रदूषण!
वहीं, बढ़ते प्रदूषण के इन हालातों को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर आरआरएस सेंगर का कहना है कि, ग्वालियर की जियोग्राफिकल लोकेशन की वजह से ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर हमेशा बढ़ जाता है. इसलिए सर्दियों के समय हमेशा यह प्रयास किया जाता है कि प्रदूषण के जो भी सोर्सेज हैं इन्हें नियंत्रित किया जा सके, इसलिए मुहिम भी चलायी जा रही है.''

''फैक्ट्री जैसे स्थानों पर हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, समय समय पर इंस्पेक्शन भी करते हैं. लेकिन इसमें लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. क्योंकि इस क्षेत्र में लोग अपने घरों का कचरा नगर निगम को देने की जगह कई बार जला देते हैं और ये धुआं प्रदूषण बढ़ाने में मदद करता है. लोगों को इसके लिए जागरूक होना होगा. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने काम पर फोकस कर रहा है. जिससे जितना हो सके वायु प्रदूषण से शहरवासियों को बचाया जा सके.''

ग्वालियर: जैसे जैसे उद्योग फैक्ट्रियां और वाहनों की संख्या भारत में बढ़ रही हैं, वैसे ही वायु प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. हाल ही में इंदौर आईआईटी की स्टडी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि मध्यप्रदेश में 10 स्मार्ट सिटी पर हुए सर्वे में पता चला है कि, ग्वालियर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर हैं ये स्टडी एआई की मदद से पिछले 24 वर्षों के आंकड़ों पर की गई है.

आईआईटी इंदौर द्वारा प्रदेश के प्रदूषित शहरों में जहां ग्वालियर अव्वल है तो वहीं दूसरे नंबर पर रीवा है. यहां तक की भोपाल और इंदौर की आबोहवा भी चिंताजनक बतायी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वालियर का पीएम 2.5 (पर्टिकुलर मैटर- हवा में प्रदूषण कण) पिछले सालों में तेजी से बढ़ा है. क्योंकि यहां साल में 69 दिनों तक प्रदूषण पार्टिकल हवा में रहते हैं. जो आबोहवा को इतने समय तक खतरनाक बनाते हैं.

GWALIOR TOP IN AIR POLUTION
प्रदेश की स्मार्टसिटियों में ग्वालियर वायु प्रदूषण में अव्वल (ETV Bharat)

चिंताजनक हैं प्रदेश के आंकड़े
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर इंदौर आईआईटी ने दावा किया है कि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के तय मानक के अनुसार पर्टिकुलर मेटर (निर्माण कार्यों, फैक्ट्रियों-वाहनों का धुआं और अन्य वजह से उत्सर्जन होने वाले प्रदूषण कण) 2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए. लेकिन ग्वालियर का पीएम 2.5 स्तर औसतन 44.77 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर सालाना है, जो कि लगभग नौ गुना ज्यादा है. ठीक इसी तरह रीवा में स्तर- 42.59 और इंदौर में 24.99 सालाना दर्ज हुआ है.

सर्दियों में मौसम के साथ बढ़ता है प्रदूषण!
वहीं, बढ़ते प्रदूषण के इन हालातों को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर आरआरएस सेंगर का कहना है कि, ग्वालियर की जियोग्राफिकल लोकेशन की वजह से ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर हमेशा बढ़ जाता है. इसलिए सर्दियों के समय हमेशा यह प्रयास किया जाता है कि प्रदूषण के जो भी सोर्सेज हैं इन्हें नियंत्रित किया जा सके, इसलिए मुहिम भी चलायी जा रही है.''

''फैक्ट्री जैसे स्थानों पर हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, समय समय पर इंस्पेक्शन भी करते हैं. लेकिन इसमें लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. क्योंकि इस क्षेत्र में लोग अपने घरों का कचरा नगर निगम को देने की जगह कई बार जला देते हैं और ये धुआं प्रदूषण बढ़ाने में मदद करता है. लोगों को इसके लिए जागरूक होना होगा. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने काम पर फोकस कर रहा है. जिससे जितना हो सके वायु प्रदूषण से शहरवासियों को बचाया जा सके.''

Last Updated : Jan 6, 2025, 4:24 PM IST
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