इंदौर: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब भिखारी मुक्त हो रहा है. यहां भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह रोक है. किसी भी सड़क अथवा चौराहे पर भिखारी की सूचना देने वालों को भी अब जिला प्रशासन की ओर से सम्मान निधि दी जा रही है. इसी क्रम में पहली बार भिक्षावृत्ति की सूचना देने वाले 6 लोगों को जिला प्रशासन ने एक एक-एक हजार रुपये देकर सम्मानित किया. जिला प्रशासन का कहना है कि सम्मान निधि मिलने से लोग भिखारियों की सूचना देने के लिए आगे आ रहे हैं.
इस हेल्पलाइन पर दर्ज कराएं सूचना
बता दें कि इंदौर जिला प्रशासन ने नए साल से इंदौर जिले में भिक्षावृत्ति को पूरी तरह रोकने संबंधी आदेश जारी किया है. अब शहर में कहीं भी किसी भिखारी द्वारा भीख मांगे जाने की सूचना देने वालों के लिए भी सार्वजनिक नंबर (96914 94951) जारी किया है. इस नंबर पर फिलहाल 200 से ज्यादा कॉल आ चुके हैं. भिक्षावृत्ति की सूचना देने का क्रम जारी है. भिक्षावृत्ति की सूचना हेल्पलाइन पर देने वाले वसीम खान, उमेश वर्मा, आकाश परासर, आकाश नायक, तुषार गंगवानी और अंकित मालवीय को सम्मानित किया गया.
महिला बाल विकास की टीम भी अभियान में जुटी
महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया "विभाग की टीम सुबह 5 बजे से लेकर रात में 11 बजे तक शहर के विभिन्न चौराहों और भिक्षावृत्ति संबंधित स्थलों पर निगरानी कर रही है. इसके अलावा इस तरह की सूचना देने पर तत्काल भौतिक सत्यापन करवा रही है, जो शिकायतें सही पाई जा रही हैं, उनके नाम पुरस्कार के लिए प्रस्तावित भी किया जा रहे हैं. वहीं, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया "आमतौर पर सरकारी अभियान कुछ दिन चलकर बंद हो जाते हैं. इसलिए इस अभियान में सूचना देने वालों के लिए पारितोषिक जोड़ा गया है."
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अब तक साढ़े 3 सौ से ज्यादा भिखारियों का रेस्क्यू
बता दें कि इंदौर जिला प्रशासन ने शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए मुहिम चला रखी है. अभी तक इस अभियान के तहत 354 भिखारियों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा 45 बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद सामाजिक सुधार संस्थानों में भेजा गया है. अभियान के दौरान पाया गया कि कई संपन्न घरों के बुजुर्ग भी भीख मांग रहे थे.