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नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए होगा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय - Nursing College Admission New Rules - NURSING COLLEGE ADMISSION NEW RULES

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए अब स्टूडेंट्स को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट देना होगा. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह बड़ा निर्णय देते हुए कहा कि कॉलेज की मान्यता भी अब इंडियन नर्सिंग काउंसिल के बनाए नियमों के अनुसार ही मिलेगी.

NURSING COLLEGE ADMISSION NEW RULES
नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए नए नियम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:48 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों के मामले में लगी याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि 2024-25 में नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट देना होगा. वहीं कॉलेज की मान्यता के मापदंड भी इंडियन नर्सिंग काउंसिल के बनाए नियमों के अनुसार होंगे.

नर्सिंग कॉलेजों के लिए हाईकोर्ट के नए नियम (ETV Bharat)

नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की कोर्ट में नर्सिंग मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन में पारदर्शिता और एकरूपता लाने के लिए सरकार ने कोर्ट से एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट शुरू करने की अनुमति मांगी है. यह कॉमन एंट्रेंस टेस्ट ही यह तय करेगा कि नर्सिंग कॉलेज में अब एडमिशन कैसे होगा. पहले यह प्रक्रिया सीधे भारती से होती थी. इसमें कोई टेस्ट नहीं होता था और जिस किसी को भी नर्सिंग करना होता था वह सीधे एडमिशन ले लेता था.

इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों पर मिलेगी मान्यता

एमपी नर्सिंग काउंसिल ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर प्रदेश में नर्सिंग संस्थाओं हेतु सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी थी. एमपी नर्सिंग काउंसिल ने अपने आवेदन में कहा कि वह इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों के आधार पर कॉलेज को मान्यता देगा. अभी तक यह मान्यता राज्य सरकार के 2018 के बनाए नियमों के आधार पर दी जा रही थी. कोर्ट ने इस बात को मान लिया और कोर्ट ने कहा कि यदि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों के अनुसार मान्यता दी जाती है तो एमपी नर्सिंग काउंसिल मान्यता दे सकता है. अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद नए सिरे से मान्यता की प्रक्रिया शुरू होगी और इसमें इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियम के आधार पर कॉलेज को मान्यता मिलेगी.

किराए के भवनों में नहीं खुलेंगे नर्सिंग कॉलेज

याचिका में किराए के भवनों में चलने वाले नर्सिंग कॉलेज पर भी आपत्ति जताई गई थी. इस पर कोर्ट ने महाधिवक्ता को आदेश दिया है कि किराए संबंधी नियम ठीक किए जाएं और किराए के भवनों में नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं दी जाए.

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सरकार से मांगा जवाब

सरकार ने 2023-24 का सत्र नर्सिंग पाठ्यक्रम के मामले में शून्य घोषित कर दिया था. इसके खिलाफ निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि सरकार 2023-24 को शून्य घोषित न करें. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है. यह याचिका लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के विशाल बघेल की ओर से लगाई गई थी.

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