ग्वालियर (पीयूष श्रीवास्तव) : पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का ग्वालियर से गहरा नाता रहा है. यहीं उनका बचपन बीता प्राथमिक शिक्षा से लेकर राजनीति की शुरुआत इसी क्षेत्र में हुई. कौन जानता था हंसी ठिठोली करते एक युवा कवि आगे चलकर देश का प्रधानमंत्री बनेगा, लेकिन अपनी कविताओं के जरिये साहित्य की गहरी बातें कहने वाले अटल बिहारी ने ना सिर्फ प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया, बल्कि एक स्वच्छ राजनीति का उदाहरण बने अटलजी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन ग्वालियर में उनकी कई स्मृतियां हैं. जो उनके व्यक्तित्व का परिचय दे रही है.
25 दिसंबर 2024 ये दिन इसलिए खास है, क्योंकि इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी का 100वां जन्मदिवस है. इस मौके पर हम आपको अटलजी की उन स्मृतियों से अवगत करा रहे हैं. जो आज भी अटल जी के सिद्धांतों को जीवित बनाए हुए है. ग्वालियर में आज भी पूर्व प्रधानमंत्री का पैतृक निवास है. जिसे उन्होंने जीते जी शिक्षा को समर्पित कर दिया था. उनका घर आज भी शिक्षा का केंद्र है. जहां साहित्य, जीवन का पाठ पढ़ाती किताबें लाइब्रेरी के रूप में मौजूद हैं. निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा यहां आने वाले छात्रों को मिलती है.
घर को संस्था बनाकर शुरू करायी निशुल्क
अटल बिहारी वाजपेयी ने यह घर अपने पिता स्व पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी की स्मृति में कंप्यूटर शिक्षा केंद्र के रूप में ट्रस्ट बनाकर समर्पित कर दिया था. वे आखिरी बार अपने घर में प्रधानमंत्री रहते 2004 में यहां आए थे. देश के पूर्व प्रधानमंत्री का यह घर देखने अकसर देश भर से लोग आते रहते हैं. अटल जी के घर में संचालित निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा केंद्र में कार्यरत ज्योति पांडे बताती हैं कि, "1997-98 के दौर में जब कंप्यूटर शिक्षा बहुत महंगी हुआ करती थी, हर किसी की पहुंच में नहीं थी, उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पिता के नाम पर अपने घर को संस्था बनाकर निःशुल्क कंप्यूटर शिक्षा बच्चों को उपलब्ध करायी थी."
मंदिर से कम नहीं अटल जी का घर
ग्वालियर के शिंदे की छावनी स्थित अटल जी का घर हार किसी के लिए गौरव का प्रतीक है, समय समय पर ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग इसे देखने आते हैं कि, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री हमारे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इसी घर में रह करते थे. यह भूमि यह घर आज लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है. कुछ दिनों पहले ही अटल जी के जीवन पर आधारित टेलीविजन धारावाहिक 'अटल' की स्टार कास्ट भी इस घर में आई थी, वे कलाकार भी यहां आकर भाव विभोर हो गए थे कि जिनका किरदार धारावाहिक में वे निभा रहे हैं. उस पल में वे उस महान शख्सियत के घर में खड़े थे.
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यादगार था वो पल जब आखिरी बार घर आए थे अटल
ज्योति पांडे ने बताया कि "आखिरी बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 2004 में यहां आए थे, एक कवि हृदय काफी भावुक होता है और वह भावना यहां भो दिखी थी, जब वो आए तो घर में कदम रखते ही अंदर उनके पिता की तस्वीर देखते ही अटल जी भावुक हो गए और उनकी आंखों से एक आंसू निकला, उस आसूं मोती को उनके साथ चल रहे सुरक्षा गार्ड ने अपने रुमाल पर ले लिया था.