पन्ना: यहां से लगभग 20 किलोमीटर दूर सारंग धाम मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं. इस मंदिर की स्थापना सैकड़ों साल पहले की गई थी. बताया जाता है कि पहले यहां सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम हुआ करता था. वनवास के दौरान भगवान राम यहां सुतीक्ष्ण मुनि से मिलने आए थे. इसके बाद इस धाम का नाम सारंग धाम पड़ गया है. यहां स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग उसी समय के बताए जाते हैं.
ढाई दिन रुके थे भगवान श्रीराम
मंदिरों की नगरी के नाम से विख्यात पन्ना जिले में अनेक ऐसे मंदिर है जो विश्व विख्यात हैं और जिनकी ख्याति चारों तरफ विद्यमान है. ऐसा ही एक धाम सारंग धाम है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर भगवान राम वनवास के दौरान आए थे और करीब ढाई दिन रुके थे. उसी समय के यहां पर 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं. ये 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर के चारों तरफ बने हुए हैं. इन 12 ज्योतिर्लिंग के अलग-अलग मंदिर बने हुए हैं. जिसमें पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं. माना जाता है कि जो सच्चे मन से अपनी मुराद मांगता है उसकी मनोकामना यहां पूरी होती है.
सारंग धाम में स्थापित हैं 12 ज्योतिर्लिंग
सारंग धाम में 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं. सबसे पहले श्री सोमनाथ (सौराष्ट्र)ज्योतिर्लिंग ,श्री नागेश्वर (दारुकावन) ,श्री केदारनाथ (हिमालय) ,श्री विश्वनाथ (वाराणसी), श्री बैद्यनाथ (परली) ,श्री घुश्मेश्वर मंदिर ,श्री मल्लिकार्जुन (श्रीशैल पर्वत), श्री रामेश्वर (श्री सेतुबंध), श्री व्यंगेश्वर (गौतमी तट नासिक), श्री भीम शंकर (डाकिनी पुणे), श्री अमलेश्वर मंदिर, श्री महाकालेश्वर (उज्जैन) सारंग धाम मंदिर प्रांगण में स्थापित हैं. इनकी पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
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'सुतीक्ष्ण मुनि से जुड़ा है इतिहास'
सारंग धाम मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी के परिवार के सदस्य राहुल तिवारी बताते हैं कि "यह मंदिर बहुत पुराना है और यहां पर स्थापित शिवलिंग बहुत पुराने हैं. पूर्व में यहां सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम हुआ करता था जहां पर भगवान राम सुतीक्ष्ण मुनि से वनवास के दौरान मिलने आए थे. इसके बाद इसका नाम सारंग धाम पड़ गया. भगवान राम सारंग धाम में करीब ढाई दिन रुके थे. जिसमें माता सीता भगवान राम और भाई लक्ष्मण मिलने आए हुए थे, उसी समय के यहां पर जो 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं जिसके छोटे-छोटे अलग-अलग मंदिर बने हुए हैं."