उदयपुर : मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध मां ईडाणा के दरबार में इन दिनों श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. यूं तो हर रविवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ माता के दर्शन व पूजन के लिए उमड़ती है, लेकिन नवरात्रि में यहां 24 घंटे भक्त माता के दर्शन व पूजन के लिए आते हैं. उदयपुर जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर कुराबड़-बंबोरा रोड पर श्री शक्ति पीठ ईडाणा माता का प्राचीन मंदिर स्थित है. खुले छत के इस मंदिर की खास बात यह है कि ईडाणा माता खुद अग्नि स्नान करती हैं.
माता करती हैं अग्नि स्नान :असल में माता ईडाणा का अग्नि स्नान आज भी एक बड़ा रहस्य है. कभी भी अचानक मंदिर में आग लग जाती है और वो खुद ही बुझ भी जाती है. अग्नि स्नान कहे जाने वाले इस विशेष घटनाक्रम में ऐसी लपटें उठती है, जिसे 5 किलोमीटर दूर से ही आप देख सकते हैं. जैसे ही माता रानी के अग्नि स्नान की सूचना लगती है तो दर्शन करने के लिए आसपास के दर्जनों गांवों के भक्त मंदिर परिसर में एकत्र हो जाते हैं.
इसे भी पढ़ें -चैत्र नवरात्रि के पहले ही दिन ईडाणा माता ने किया अग्निस्नान - Idana Mata Agnisnan
माता का अग्नि स्नान यहां किसी उत्सव से कम नहीं है. यहां मां खुले मंदिर में विराजमान हैं. यहां ईडाणा माता की जो प्रतिमा है, वो एकदम खुले में विराजित है. मान्यता है कि मां खुले में विराजना ही पसंद करती हैं. जब माता अग्नि स्नान करती हैं, तब पता ही नहीं लगता कि आग कहां से प्रकट हुई. माता के अग्नि स्नान के दर्शन करने वाले भक्त अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं. अग्नि स्नान में माता का श्रृंगार, कपड़े और अन्य सामान जलकर भस्म हो जाते हैं, लेकिन माता की प्रतिमा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
मैया के दरबार में देश-दुनिया से आते हैं भक्त :इस अग्नि स्नान में मां पर चढ़ाई जाने वाली चुनर और धागे भस्म हो जाते हैं. प्रतिमा के पीछे अनगिनत त्रिशूल लगे हैं. भक्तजन अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां त्रिशूल चढ़ाते हैं. संतान की मन्नत रखने वाले भक्त यहां झूले चढ़ाते हैं. ईडाणा माता परिसर में दर्शन के लिए मां का दरबार, अखंड ज्योति दर्शन, धुनी दर्शन, रामदेव मंदिर और एक बड़ा भोजनशाला भी है.