करौली : निजी हॉस्टल की छत से चार दिन पहले कक्षा 7वीं के एक छात्र को नीचे फेंकने का मामला सामने आया था. घटना के बाद छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, चार दिन बाद रविवार को छात्र की मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने शव को लेने से इनकार कर दिया और अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए. हालांकि, मुआवजे व दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आश्वासन के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. इस दौरान पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि हॉस्टल के दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे फिलहाल पूछताछ की जा रही है.
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की ओर से जो रिपोर्ट दी गई है, उसी के आधार पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. ऐसे में जो भी शख्स दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, घटना की सूचना के बाद विधायक दर्शन सिंह गुर्जर सहित पुलिस प्रशासन के अन्य बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा सहित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिया. उसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए. साथ ही पुलिस ने इस मामले में हॉस्टल के दो लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
दरअसल, करौली के गांवडा मीना निवासी 14 वर्षीय बालक दिलराज मीना पुत्र रामावतार मीना, सपोटरा कुडगांव के एक स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था. वह कक्षा 7वीं का छात्र था. परिजनों का आरोप है कि करीब चार दिन पहले बालक नहाने के लिए हॉस्टल की छत पर गया था, तभी हॉस्टल के स्टाफ ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की और फिर उसे छत से नीचे फेंक दिया. उसके बाद गंभीर हालत में छात्र को गंगापुरसिटी के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन लगातार स्थिति बिगड़ने पर उसे उसे जिला अस्पताल करौली रेफर किया गया. हालांकि, उसके स्वास्थ्य में जारी गिरावट और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे शनिवार को जयपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन जयपुर जाने के क्रम में महुआ के पास ही रास्ते में उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने कही ये बात : परिजनों का कहना है कि बालक ने चोरी-छिपे किसी का मोबाइल लेकर पूरे घटनाक्रम से उसके पिता को अवगत कराया था. उसके पिता अस्पताल पहुंचे, जहां बच्चे ने पिता को पूरी आपबीती सुनाई. इधर, बच्चे की मौत की सूचना के बाद ग्रामीण जिला अस्पताल पहुंचे और धरने पर बैठ गए. इस दौरान ग्रामीणों ने अविलंब हॉस्टल को बंद करने और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की. साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी सुविधाएं देने की मांग की गई.
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घटना की जानकारी के बाद करौली विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, करौली कार्यवाहक एसडीएम कौशल गर्ग, सपोटरा डीएसपी कन्हैया लाल चौधरी, कुडगांव थानाधिकारी रूकमणी गुर्जर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों और परिजनों से समझाइश की. इस दौरान विधायक ने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही. उसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए.