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BA-LLB की प्रवेश परीक्षा के पेपर की गड़बड़ियों को वाट्सएप से ठीक कराने में फंसा लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन - Lucknow University Entrance Exam

छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश परीक्षा में हुई इन गड़बड़ियों को ठीक कर दोबारा से परीक्षा आयोजित करे. प्रवेश परीक्षा में सामने आई लापरवाही के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय परिषद में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.

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लखनऊ विश्वविद्यालय (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 15, 2024, 2:13 PM IST

लखनऊ: बीए और एलएलबी के 5 वर्षीय कोर्स की प्रवेश परीक्षा के पर्चे में आई त्रुटियों को वाट्सएप के जरिए ठीक कराने पर लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन बुरी तरह से फंस गया है. मामला प्रकाश में आने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न छात्र संगठनों ने मुख्य परिसर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश परीक्षा में हुई इन गड़बड़ियों को ठीक कर दोबारा से परीक्षा आयोजित करे. प्रवेश परीक्षा में सामने आई लापरवाही के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय परिषद में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते छात्र. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

ज्ञात हो कि देश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में जिस तरह से लापरवाही सामने आई है. उसको लेकर छात्रों में रोष व्याप्त है और अब विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में लापरवाही ने छात्रों के गुस्से को और बढ़ा दिया है.

चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं छात्र संगठन: प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में लगातार खामियां सामने आ रही हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन अगर एक प्रवेश परीक्षा को सुचिता के साथ नहीं कर सकता तो, वह सेमेस्टर परीक्षाएं आदि कैसे करता होगा. इसे समझा जा सकता है. छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने चाहेतों को प्रवेश देने के लिए प्रश्न पत्र आदि में इस तरह की गड़बड़ियां की हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय में नारे लगाते छात्र. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षाएं मजाक बन गई हैं. इसे कराने वाला परीक्षा विभाग पूरी तरह से अक्षम साबित हो रहा है. एलएलबी इंटीग्रेटेड प्रवेश परीक्षा में बांटे गए पेपर में सवाल स्पष्ट तौर पर नहीं दिख रहे थे. छपाई में गलतियां जब विश्वविद्यालय को पता लगी तो आनन फानन में सवाल पता कर वाट्सएप के जरिए उसे परीक्षा केंद्रों पर बांट दिया गया. इसे परीक्षा के कायदे के खिलाफ बताते हुए छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे छात्र. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के सामने क्या रखी मांग

  • रिटायर्ड प्रोफेसर की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की जाए जो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे और एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करे.
  • परीक्षा समन्वयक को बर्खास्त किया जाए और उनके ऊपर जांच कराई जाए.
  • विश्वविद्यालय प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम का लिखित स्पष्टीकरण जारी करे.
  • प्रवेश परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र दिया जाए जिस से परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे.

क्या है पूरा मामला: लखनऊ विश्वविद्यालय की रेगुलर परीक्षा में कानपुर विश्वविद्यालय की कॉपियां बांटने वाले परीक्षा विभाग ने इस बार प्रवेश परीक्षा में पांच पांच त्रुटियों को दर किनार करते हुए छात्रों के बीच पर्चे बंटवा दिए, उससे भी मजेदार बात यह हुई कि जब छात्रों ने बवाल काटा तो परीक्षा की शुचिता और डिजिटल व्यवस्था को तार तार करते हुए वाट्सएप के जरिए परीक्षा की त्रुटियां को ठीक कराने लगे.

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते छात्र. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के ओल्ड कैंपस में जहां 6 ब्लॉक में परीक्षा आयोजित की गई थी तो वहीं न्यू कैंपस में भी प्रवेश परीक्षा थी. शाम की पाली में 5 वर्षीय बीए-एलएलबी कोर्स के लिए 6,935 छात्रों को परीक्षा देनी थी, जिसमें से करीब 80 प्रतिशत छात्र मौजूद भी थे. विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं में भी किस कदर बंदरबाट हो रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पर्चा बांटने से पहले उस पर्चे को ठीक से देखा तक नहीं गया.

प्रवेश परीक्षा जैसे संवेदनशील परीक्षा में भी पेपर को देखे बिना ही छात्रों के बीच में बांट देना और छात्रों के बवाल के बाद जानकारी मिलना कि 5 वर्षीय बीए एलएलबी की पर्चे में तमाम गलतियां हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर इस तरह से परीक्षाएं करानी है तो फिर नियम किस लिए बनाए गए हैं.

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