पीलीभीत: हाल ही में पीलीभीत में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगता था. दरअसल, पुलिस ने तीन खालिस्तानी आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया था. इसकी जांच में सामने आया कि आतंकियों के मददगार कुलबीर सिंह सिद्धु ने पहले कई लोगों को विदेश भेजा था. वह इन आतंकियों को भी विदेश भेजने की फिराक में थी.
पुलिस के मुताबिक उसने ही आतंकियों को पीलीभीत आने का रूट मैप दिया था और उनके फर्जी पासपोर्ट बनने तक उन्हें यहां रुकने का ठिकाना बताया था. जांच में यह भी सामने आया कि कुलबीर ने पीलीभीत में करीब 8 महीने अलग-अलग इलाकों में बिताए थे. इस दौरान उसने कई लोगों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजा. अमेरिका से लोगों के वापस इंडिया डिपोर्ट किए जाने के मामले के बाद पुलिस की जांच और तेज हो गई है. पुलिस की रडार पर 60 आईलेट्स सेंटर आए हैं, जो लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. पूरे मामले की गहन जांच के लिए पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने पूरनपुर थाने पर सोमवार को विशेष कैंप लगाया. इसमें ठगी पीड़ित लोगों को शिकायत के लिए आमंत्रित किया गया. इसके साथ ही लोगों को विधिक राय देने की पहल भी पुलिस ने शुरू की है.
पीलीभीत पुलिस की इस मुहिम का खासा असर देखने को मिला. 500 से अधिक लोग खुद को फर्जी दस्तावेज के जरिए विदेश भेजने का पीड़ित बताते हुए सामने आए. इन्होंने पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत की. पुलिस ने 50 से अधिक मामलों में रिपोर्ट दर्ज की है, जबकि सैकड़ों मामलों की जांच जारी है.
पीड़ितों की कहानी
केस नंबर 1: पूरनपुर थाने पहुंचे संतोष सिंह ने बताया कि उनके बेटे जुगराज सिंह को इंग्लैंड में स्टडी वीजा पर भेजने के लिए जुपिटर इमीग्रेशन के संचालक ने करीब 4.50 लाख रुपए लिए. संचालक ने कूटरचित तरीके से वीजा आवेदन में फर्जी मार्कशीट बनाकर अपलोड की, जो पीड़ित के पास है. पीड़ित की मानें तो उनके बेटे को ना तो विदेश भेजा गया और ना ही उनका पैसा वापस मिला. इस बात को करीब 2 साल बीत चुके हैं. पीड़ित संतोष सिंह को जब पुलिस अधीक्षक के विशेष कैंप की जानकारी मिली तो वह न्याय की गुहार लगाने थाने पहुंचे.
केस नंबर 2: चंडीगढ़ के रहने वाले बख्शीश सिंह भी पुलिस अधीक्षक के विशेष कैंप की जानकारी मिलने पर पूरनपुर थाने पहुंचे. उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि अमरीक सिंह ने अपने आधा दर्जन अन्य साथियों के साथ मिलकर उनके पुत्र नवजोत सिंह और पुत्रवधू सुखजिंदर सिंह को ऑस्ट्रेलिया भेजने, वहां एक मकान व गाड़ी दिलाने के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपए ठग लिए. पूरे मामले में पीड़ित ने एक मुकदमा भी पुलिस को शिकायत देकर दर्ज कराई, लेकिन आरोपी विदेश भाग गए।
केस नंबर 3: इसी तरह गुरप्रीत सिंह नाम का एक पीड़ित भी 22 लाख रुपए की ठगी के मामले में विशेष कैंप में पहुंचे. बताया कि उसे विदेश भेजने के नाम पर एजेंट सुखदेव सिंह ने पासपोर्ट के नाम पर ₹10000 नगद लिए. इसके बाद कनाडा का वीजा दिलवाने के लिए 15 लाख रुपए मांगे. जब पीड़ित ने पैसे न होने की बात कही तो आरोपी सुखदेव सिंह ने उसकी 1 एकड़ जमीन अपने बहन के नाम लिखवा ली और उसे कनाडा के वीजा पर भेज दिया, लेकिन कनाडा के एयरपोर्ट से ही उसे वापस कर दिया गया. पीड़ित की मानें तो आरोपियों ने उसके नाम से दो पासपोर्ट जारी करवाए और धोखाधड़ी की. आरोपी अब पैसा मांगने पर पीड़ित को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
पुलिस की कार्रवाई: तीनों मामले की जानकारी होने के बाद यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया कि पूरनपुर क्षेत्र में 60 से अधिक ऐसे आईलेट्स सेंटर हैं, जो लोगों को विदेश भेजने और विदेश में महंगे शौक पूरे करने का सपना दिखाते थे, जिसके लिए लोगों की जमीन भी बिकवा दी जाती थी. अनपढ़ लोगों को भी यह अपना शिकार बनाते थे और उनसे मोटी रकम लेकर उनके लिए फर्जी मार्कशीट, फर्जी बैंक एफडी तैयार करते थे, ताकि वीजा के लिए आवेदन किया जा सके. पीलीभीत पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए अब तक 12 लोगों को जेल भेज दिया है.
पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने बताया कि बीते दिनों इसी थाना क्षेत्र में तीन खालिस्तानी आतंकियों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. जांच के दौरान सामने आया था कि आतंकियों का एक मददगार, जो एनआईए का 10 लाख का इनामी भी है, कुछ दिनों तक पीलीभीत में रुका था और यहां से उसने कई लोगों को फर्जी दस्तावेज के जरिए विदेश भेजा था. खुद भी विदेश गया था. ऐसे में पुलिस ने पूरे नेक्सस को जानने के लिए कैंप आयोजित किया था, जिसमें 500 से अधिक शिकायतें थाने पर आई हैं. पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है, हम लोगों की हर संभव मदद करेंगे.