लखनऊ : यूपी पुलिस ने सोमवार रात और मंगलवार की सुबह लखनऊ की चिनहट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी करने वाले दो आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इससे पहले रविवार रात एनकाउंटर में तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया. यह सुनने में जितना सहज लग रहा है, पुलिस के लिए आसान नहीं था. कई बिंदुओं, पुलिस की सक्रियता, आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल और डीजीपी की नाकाबंदी पॉलिसी अपनाने के बाद घटना का अनावरण हो सका. पढ़िए डिटेल...
पुलिस के मुताबिक, बिहार के मुंगेर से 5 दिन पहले अरविंद, कैलाश, सन्नी दयाल, बलराम, मिथुन और सोबिन्द राजधानी आए. इंदिरानगर के तकरोही में किराए का कमरा लिया और राजधानी के असुरक्षित बैंकों की रेकी करने लगे. 50 बैंकों की रेकी के बाद चिनहट की इंडियन ओवरसीज बैंक को निशाना बनाया. दीवार काट कर 21 दिसंबर को 42 लॉकर्स साफ कर दिए. बदमाशों को शायद ही पता था कि पुलिस उन्हें महज 5 घंटों में ट्रेस कर लेगी.
5 दिनों में 50 बैंक में रेकी :डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि बिहार के अरविंद, कैलाश, सन्नी दयाल, बलराम, मिथुन और सोबिन्द 17 दिसंबर को लखनऊ आए और इंदिरानगर के तकरोही में किराए का मकान लिया. ये सभी चिनहट के विपिन के संपर्क में थे और सभी ने पांच दिनों तक शहर की 50 से अधिक बैंकों की रेकी की. रेकी के दौरान मटियारी स्थति इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी करना आरोपियों को सबसे अधिक उपयुक्त लगा.
छुट्टी के पहले चोरी करने की प्लानिंग में सफाई अभियान बना रोड़ा :एडीसीपी ईस्ट पंकज सिंह ने बताया कि आरोपियों ने बैंक के बगल के दो खाली प्लॉट देखे. उन्हें लगा कि इस बैंक में सेंध लगाना आसान होगा. आरोपियों ने चोरी के लिए शनिवार अपनी रणनीति के तहत चुना. आरोपियों का मानना था कि शनिवार को चोरी करेंगे और रविवार को छुट्टी होने की वजह से किसी को पता ही नहीं चलेगा. इससे वे चोरी के बाद राज्य छोड़ कर आसानी से फरार हो जाएंगे. आरोपियों ने बैंक में सेंध लगाने के लिए बगल में अख्तर इलेक्ट्रॉनिक की दुकान के पीछे के प्लॉट में जाकर इलेक्ट्रॉनिक कटर से दीवार काटी थी. अंदर जाकर उन्होंने बड़ी आसानी से लॉकर्स साफ किए और फरार भी हो गए. हालांकि रविवार सुबह अख्तर अपने प्लॉट की गंदगी साफ करवाने के लिए गए तो चोरी का खुलासा हुआ.