पटना:2019 लोकसभा चुनावमें बिहार में एनडीए ने एक तरफ जीत हासिल की थी। 40 में से 39 सीट एनडीए के खाते में गई थी। एक दिलचस्प पहलू यह है कि सबसे ज्यादा मतों से जीत का रिकॉर्ड मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक यादव ने बनाया. वहीं, सबसे कम वोट से जीत जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने हासिल किया. मधुबनी से बीजेपी के प्रत्याशी अशोक कुमार यादव ने 4 लाख 54 हजार 106 मतों से जीत हासिल की. वहीं जहानाबाद से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी 1751 मतों से जीत हासिल कर सके. 2024 चुनाव में दोनों पर पार्टी ने भरोसा किया. मधुबनी और जहानाबाद से एक बार फिर यह दोनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
2019 में बिहार में सबसे बड़ी जीत: मधुबनी लोकसभा सीट से एनडीए के भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार यादव ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने वीआईपी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे को चार लाख 54 हजार 106 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. भाजपा के अशोक कुमार यादव को पांच लाख 94 हजार 811 मत मिले, जबकि वीआईपी के बद्री कुमार पूर्वे को एक लाख 40 हजार 705 मत मिले. तीसरे स्थांन पर निर्दलीय उम्मीदवार शकील अहमद रहे. उन्हें एक लाख 31 हजार 416 मत हासिल किया. इस क्षेत्र से भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने में सफल रही.
NDA का दबदबा : मधुबनी लोकसभा में कुल 6 विधानसभा सीट है. जिसमें मधुबनी जिले की 4 सीट और दरभंगा जिले की 2 सीट आती है. 6 विधानसभा में से 4 पर बीजेपी, 1-1 JDU और RJD का कब्जा है. हरलाखी विधानसभा सीट से अभी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुधांशु शेखर विधायक हैं. बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विनोद नारायण झा विधायक हैं. बिस्फी विधानसभा सीट से बीजेपी हरिभूषण ठाकुर विधायक हैं. मधुबनी विधानसभा सीट से आरजेडी के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं. केवटी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के मुरारी मोहन झा के पास है. जाले विधानसभा सीट से बीजेपी जीवेश कुमार विधायक हैं.
मधुबनी का समीकरण : मधुबनी लोकसभा क्षेत्र बीजेपी के लिए परंपरागत सीट रही है. यहां से हुकुमदेव नारायण यादव पांच बार सांसद चुने गए. 2019 में उनके पुत्र अशोक कुमार यादव ने यहां से रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बारे में की धारणा है कि यहां आरजेडी का MY समीकरण नहीं चलता है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के यादव मतदाताओं पर भी हुकुमदेव यादव के परिवार का पकड़ है. यही कारण है कि अच्छी संख्या में यादव मतदाता बीजेपी को वोट करते आ रहे हैं. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में जतीय समीकरण की बात करें तो यहां 34% मतदाता अति पिछड़ा वर्ग के हैं, जिसमें 14%यादव, 6% कोयरी, 11% दलित मतदाता हैं. 12 से 13 फीसदी ब्राह्मण और 12% फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
2024 का मुकाबला: 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार बीजेपी में फिर से अशोक कुमार यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस बार उनका मुकाबला राजद के दिग्गज नेता रहे अली अशरफ फ़ातमी से है. अली असरफ फ़ातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. फातमी की मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में गिनती होती है. अशोक यादव का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मिथिलांचल के लिए जितना काम किया है. उतना किसी भी शासनकाल में नहीं हुआ. मिथिलांचल में सड़कों का जाल बिछाया गया दरभंगा में एयरपोर्ट दिया गया एम्स का निर्माण करवाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के कामों और उनके द्वारा क्षेत्र की समस्याओं को समय-समय पर सदन में उठाए जाने का लाभ क्षेत्र की जनता को मिला है. उन्हें उम्मीद है कि एक बार यहां की जनता उन्हें फिर से अपना आशीर्वाद देगी.
सबसे कम अंतर से जीत: 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार के जहानाबाद से जदयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी चुनावी मैदान में थे. उनका मुकाबला राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव से था. भूमिहार एवं यादव बहुल जहानाबाद सीट पर नीतीश कुमार ने एक नया प्रयोग किया था और अतिपिछड़ा समुदाय के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अपना उम्मीदवार बनाया था. 2019 लोकसभा चुनाव जहानाबाद में बड़ा ही दिलचस्प हुआ. कांटे की टक्कर में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव को 1751 मत से पराजित किया. 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार में वह सबसे कम अंतर से चुनावी जीत थी.