चरखी दादरी: पिछले करीब एक महीने से लगातार हड़ताल कर रहे पटवारियों की आला अधिकारियों से जहां वार्ता विफल होने पर हड़ताल 7 फरवरी तक बढ़ा दी है. लोगों को रेवेन्यू से संबंधित कार्यों को करवाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. पटवारियों की हड़ताल के चलते अब तक करीब 400 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है. वार्ता विफल होने के बाद पटवारियों ने अपने तेवर भी कड़े करते हुए अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है.
पटवारी-कानूनगो पिछली 3 जनवरी से वेतन विसंगतियों सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. लघुसचिवालय परिसर में पटवारी लगातार धरना दे रहे हैं. धरने पर पटवारियों ने अधिकारियों से वार्ता विफल होने पर सरकार से सीधी वार्ता की मांग उठाई. इस दौरान कई गांवों के सरपंचों ने भी उनकी हड़ताल का समर्थन कर दिया है.
हड़ताल पर बैठे पटवारी रामभगत और जोंगेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी वार्ता अधिकारियों की बजाये सरकार से सीधी होनी चाहिए. सरकार के साथ सीधी बातचीत के बाद इस समस्या का समाधान हो सकता है. उनकी हड़ताल के कारण राजस्व विभाग को घाटा हो रहा है, जिसके जिम्मेदार भी आला अधिकारी ही हैं. उन्होंने हड़ताल को 7 फरवरी तक बढ़ा दिया है. साथ ही कहा है कि लोगों को हो रही परेशानियों के लिए उन्हें दुख है लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है. अगर सरकार चाहे तो उस समस्या का तुरंत समाधान हो सकता है और ये हड़ताल खत्म हो सकती है.
2 फरवरी को पटवारी एसोसिएशन की रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक थी. इस बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. अधिकारियों की तरफ से कई कानूनी बाधाओं का हवाला दिया जा रहा है जबकि पटवारी अपनी मांग पर अड़े हैं. पटवारियों की हड़ताल के चलते रेवेन्यू विभाग में सारे कामकाज ठप्प पड़े हैं, जिसकी वजह से लोग परेशान हैं.