रायपुर: इस माह 19 जून बुधवार के दिन प्रदोष व्रत है. यह दिन बुधवार पड़ने के कारण बुध प्रदोष व्रत के नाम से इसे जाना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. वैसे तो हर रोज लोग भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं, लेकिन प्रदोष व्रत का दिन काफी महत्व रखता है. जातक व्रत उपवास करके शिवजी से मन वांछित फल प्राप्त करना चाहते हैं. इस दिन भगवान शिव जी की पूजा करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यह व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है. दोनों ही प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माने गए हैं. मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भक्तों के समस्त संकट दूर होते हैं. सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके अलावा जीवन में चल रही समस्याओं का निवारण भी भोलेनाथ करते हैं.
प्रदोष काल में करनी चाहिए पूजा: प्रदोष व्रत के बारे में रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने कहा, "प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. प्रदोष का व्रत हर महीने की एकादशी के ठीक दूसरे दिन यानी कि त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती है. शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि शाम को प्रदोष काल के समय भगवान भोलेनाथ प्रसन्न मुद्रा में कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं. इस समय किया गया व्रत और पूजन शुभ फल देने वाला होता है. इस बार प्रदोष का व्रत 19 जून बुधवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रदोष का व्रत लोग करते हैं. शाम के समय प्रदोष काल में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद भी दीपदान करके भगवान शिव से निवेदन करते हुए मनवांछित फल प्राप्त करते हैं."