चुनाव प्रचार के दौरान ओम बिरला के लिए धारीवाल के मुंह से निकले आपत्तिजनक शब्द. कोटा.कोटा उत्तर से कांग्रेस के विधायक शांति धारीवाल इन दिनों प्रहलाद गुंजल के लिए वोट मांग रहे हैं. कोटा उत्तर नगर निगम के वार्डों में वे संवाद कार्यक्रम भी कर रहे हैं. इसी दौरान उन्होंने स्टेशन रोड पर एक संवाद कार्यक्रम में गुरुवार को ओम बिरला के लिए आपत्तिजनक शब्द कह दिए. धारीवाल ने भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला पर हमला करते हुए कहा कि बीते 5 सालों में बिरला के पास काफी बड़ा पद रहा है. सांसद और विधायक के हाथ में कुछ नहीं होता, ज्यादातर पावर मिनिस्टर के पास होती है, लेकिन बिरला उससे भी ऊंचे पद पर थे. चाहते तो सब कुछ कर सकते थे. इस दौरान शांति धारीवाल ने आपत्तिजनक शब्द बोलते हुए कहा कि वोट काम के लिए है. धारीवाल ने यह भी कहा कि इन्होंने कोटा बूंदी के छह तालाबों के सौंदर्यीकरण, स्कूलों को स्मार्ट बनाने और कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र को मॉडल बनाने का वादा किया था, लेकिन एक भी काम पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं ओम बिरला की बुराई नहीं कर रहा, लेकिन यह भी नहीं चाहता कि जनता को धोखा देकर चुनाव जीत जाए.
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चुनाव बाद जनता क्या मोदी के पास जाएगी: शांति धारीवाल ने कहा कि जब भी कोई उम्मीदवार जनता के बीच जाकर वोट मांगता है तो वह विकास, महंगाई कम करने और रोजगार बढ़ाने सहित कई वादे करता है, लेकिन मैं यह पहला चुनाव देख रहा हूं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ओम बिरला यह नहीं कहते हैं कि मैं क्या करूंगा. केवल पीएम मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं. ऐसे में जब हमें चुनाव के बाद काम पड़ेगा तो क्या मोदी के पास जाएंगे? उन्होंने यह भी कहा कि जीतने के बाद बिरला यह भी कह सकते हैं कि तुमने मोदी को वोट दिया था मुझे नहीं.
एयरपोर्ट की ढाई साल से नहीं बनी डीपीआर: शांति धारीवाल ने एयरपोर्ट के मुद्दे पर भी बिरला को घेरा. उन्होंने कहा कि हम ढाई साल पहले जमीन दे चुके थे, जमीन के कन्वर्जन का भी आधा पैसा यूआईटी ने दे दिया था. अब फिर 150 करोड़ रुपए के डिमांड हाइटेंशन लाइन के लिए इन्होंने दे दी, जबकि यह राशि प्रोजेक्ट कॉस्ट में शामिल होती है. हम यह जानना चाह रहे थे कि एयरपोर्ट बनाने के लिए कितना पैसा चाहिए और कितना बजट मंजूर हुआ. यह इन्होंने अभी तक भी नहीं बताया. बीते से दो से ढाई साल से तो कह रहे हैं कि डीपीआर बनवा रहे हैं. डीपीआर बनने का काम तीन से चार महीने का होता है, ढाई साल का समय इसमें नहीं लगता है.