- कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान.
- आम चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश की जोड़ी को मिला यात्राओं के दौरान गांव-गांव भटकने और मेहनत करने का परिणाम.
- छिंदवाड़ा की जीत को बताया कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम
- इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी और नोटा ने रिकॉर्ड बनाया
- इंदौर लोकसभा सीट में शंकर लालवानी करीब 10 लाख वोटों से जीते.
- वहीं इंदौर में नोटा को 2 लाख के करीब वोट मिले.
- इंदौर में भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की जीत तय.
- करीब 10 राउंड की वोटिंग बाकी, लेकिन जीत का अंतर 8 लाख से ज्यादा
- नोटा को मिले 1लाख 51 हजार 006
- इंदौर में 23वें राउंड की काउंटिंग के बाद बीजेपी प्रत्याशी और नोटा दोनों रिकॉर्ड की ओर
- शंकर लालवानी को 7 लाख 41 हजार 586 वोट मिले.
- जबकि नोटा को 1 लाख 35 हजार 095
- इंदौर सीट पर शंकर लालवानी ने 6 लाख वोटों की लीड बनाई.
- शंकर लालवानी बड़े रिकॉर्ड की ओर
- इंदौर में शंकर लालवानी 5 लाख 80 हजार वोटों से आगे
- इंदौर में नोटा को 108408 वोट मिला
- शंकर लालवानी 5 लाख 37 हजार 37 वोटों से आगे चल रहे हैं.
- इंदौर सीट से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी 3 लाख 98 हजार वोटों से आगे
- देश में नोटा के पक्ष में सर्वाधिक वोट अब इंदौर के नाम.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 51607 वोट दिए थे.
- अब इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी और नोटा के बीच जारी प्रतिस्पर्धा के बीच आठवें राउंड में इंदौर के मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 63586 वोट दिए हैं. जो अब तक के मतदान रिकॉर्ड में सर्वाधिक बताए गए हैं.
- धार महु लोकसभा संसदीय क्षेत्र से
- भाजपा 69,312 वोट से आगे
- सावेत्री ठाकुर 2,17,597
- कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल 1,48,285
- इंदौर सातवां राउंड
- शंकर लालवानी 351307
- नोटा 59463
- इंदौर में छठवा राउंड
- शंकर लालवानी 293729
- नोटा 51864
- इंदौर से शंकर लालवानी 1 लाख 75 हजार वोटों से आगे
- इंदौर से भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को मिले 70233 वोट
- नोटा पर पड़े 10167 वोट
- धार महु लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा 35047 वोट से आगे
- भाजपा की सावेत्री ठाकुर को 88730 वोट मिले
- कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल को 53683
- रतलाम शहर ग्रामीण और सैलाना विधानसभा क्षेत्र की काउंटिंग में भाजपा को 5600 मतों की बढ़त.
- मंदसौर में डाक मतपत्रों की गिनती में भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता आगे.
Lok Sabha madhya Pradesh Election Results Live Updates 2024: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट की मतगणना शुरु हो गई है. इस दिन का मध्य प्रदेश की जनता को बेसब्री से इंतेजार था. आज 4 जून मंगलवार को देश के साथ साथ मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के परिणाम सुबह 8 बजे से आने लगे हैं. आज हम बात करते हैं मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ की. जिसमें 8 लोकसभा सीटें आती हैं. जिनमें प्रमुख सीट इंदौर है. इसके अलावा खंडवा, खरगोन, देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार और रतलाम हैं. इन सभी सीटों पर 2019 में भाजपा का कब्जा रहा है.
इंदौर में भाजपा वर्सेज नोटा
मिनी मुंबई के नाम से मशहूर सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर को सत्ता का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद शंकर लालवानी को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को टिकट दिया था. लेकिन ऐन वक्त पर अक्षय बम ने नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए. जिसके बाद से इंदौर में भाजपा की एकतरफा जीत मानी जा रही है. वहीं कांग्रेस ने इंदौर में नोटा का समर्थन किया है.
भाजपा का गढ़ है उज्जैन
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में पिछले कई सालों से भाजपा का कब्जा है. 2019 के चुनाव में मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया ने कांग्रेस पर बड़ी जीत हासिल की थी. उन्हें 7 लाख 91 हजार 663 वोट मिले थे. 3 लाख 65 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस पार्टी के बाबूलाल मालवीय को हराया था. इस बार भी भाजपा ने अनिल फिरोजिया पर भरोसा जताया और अपना प्रत्याशी बनाया. जबकि कांग्रेस की ओर से महेश परमार चुनावी मैदान में हैं. उज्जैन में कांग्रेस कई सालों से कोई चमत्कार नहीं दिखा सकी है. लेकिन इस बार मुकाबला काफी रोचक है.
देवास में भाजपा हावी
देवास लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में है. यहां मैदान में भाजपा की तरफ से महेंद्र सोलंकी और कांग्रेस से राजेंद्र मालवीय को उतारा गया है. महेंद्र सोलंकी यहां से वर्तमान सांसद हैं और पिछला चुनाव उन्होंने काफी बड़े अंतर से जीता था. जबकि राजेंद्र मालवीय यह अंतर पूरा करते हुए नजर नहीं आ पा रहे हैं.
मंदसौर में कौन होगा विनर
मंदसौर लोकसभा सीट में कांग्रेस और भाजपा के बीच में कड़ी टक्कर है, लेकिन फिर भी माहौल बीजेपी के सुधीर गुप्ता के पक्ष में नजर आ रहा है, क्योंकि सुधीर गुप्ता इस लोकसभा क्षेत्र से अभी भी सांसद हैं. उनके सामने कांग्रेस के दिलीप सिंह गुर्जर को टिकट मिला है, लेकिन दिलीप सिंह गुर्जर मंदसौर की बजाय उज्जैन के रहने वाले हैं. बाहरी होने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
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