ग्वालियर।लोकसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही एमपी समेत पूरे देश में आदर्श आचार सहिंता लागू हो चुकी है. मध्यप्रदेश के ग्वालियर लोकसभा सीट पर चुनाव को लेकर प्रशासन और पुलिस दोनों ने ही तैयारियां पूरी कर ली हैं. ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि अचार सहिंता लागू होने के साथ ही शहर में लगे पॉलिटिकल बैनर पोस्टर को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. साथ ही लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जारी सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.
चुनावी सभा रैली के लिए लेनी होगी परमिशन
चुनाव आदर्श आचरण सहिंता लागू होने के बाद अब किसी भी तरह के राजनीतिक सभा, रैली जैसे कार्यक्रमों के लिए एसडीएम की परमिशन लेना अनिवार्य होगा. इलेक्शन कैम्पेन के तहत लाउडस्पीकर के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं, प्रचार प्रसार के लिए इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो ये ध्यान रखना होगा.
बुजुर्गों को घर से वोटिंग की सुविधा
इस बार विधानसभा चुनाव की तरह ही बुजुर्गों को घर से ही मतदान की सुविधा करने की सुविधा दी गई है. 85 वर्ष से अधिक के मतदाता घर से मतदान कर सकेंगे. बीएलओ बुजुर्ग मतदाताओं को एक फार्म देगा, जिसमें घर और पोलिंग बुथ में से किसी एक का चुनाव करना होगा. अगर फार्म में घर से वोट देने का ऑप्शन सिलेक्ट किया होगा तो फिर उस मतदाता को मदतान केंद्र पर एंट्री नहीं मिलेगी.
आपराधिक तत्वों को किया जाएगा प्रतिबंधित, सोशल मीडिया पर भी रहेगी नजर
कलेक्टर रुचिका चौहान ने ये साफ कर दिया है कि "अब चुनाव प्रक्रिया के दौरान आपराधिक तत्वों पर विशेष फोकस रहने वाला है. ऐसे लोगों को हर प्रकार प्रतिबंधित करना और उनपर कार्रवाई करने की कार्रवाई को भी बहुत तेज किया जाएगा. इसके साथ साथ सोशल मीडिया पर भी मीडिया के जरिये नजर रहेगी. ऐसे में भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होगी. इसके लिए ग्रुप एडमिन और पोस्ट करने वाले बहुत सचेत रहें. भारतीय दंड सहिंता के साथ निर्वाचन अवमानना की भी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.''भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये संदेश दिया गया था कि, "कोई भी बिना दिमाग लगाये ऐसे किसी पोस्ट को फॉरवर्ड ना करें, आपकी सुरक्षा आपके ही हाथों में है."
कम वोटिंग परसेंटेज को सुधारने पर है फोकस
बीते वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में अमूमन चुनाव के दिन शहरी क्षेत्र के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में मतदान कम देखा गया है ऐसे में इस बार जिला प्रशासन नया प्रयोग करने जा रहा है. मतदान से पहले ऐसे एक मतदान केंद्र को चुना जाएगा जहां मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा. इसके बाद ये पता लगाया जा रहा है कि उस पोलिंग बूथ पर वोटिंग परसेंटेज आखिर क्यों कम है.