छपराः 2014 में राबड़ी देवी को हरानेवाले बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी का एक बार फिर लालू परिवार के एक सदस्य से ही सामना हो रहा है. जी हां, रूडी को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए लालू प्रसाद ने इस बार अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि राजीव प्रताप रूडी को मोदी लहर के साथ-साथ इलाके में किए गये विकास कार्यों पर भरोसा है. उन्हें विश्वास है कि सारण की जनता का आशीर्वाद उन्हें फिर से विजयमाल पहनाएगा.
'33 हजार करोड़ की परियोजना चल रही है': सांसद के रूप में अपनी उपलब्धियों को लेकर राजीव प्रताप रूडी का कहना है कि "सारण लोकसभा क्षेत्र में करीब 33 हजार करोड़ रुपये की परियाजना चल रही हैं. ये दर्शाता है कि इस इलाके में विकास के लिए मैेने क्या किया है. जीवन की बुनियादी सुविधाओं से लेकर पूरे इलाके में इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर बेहतरीन काम हुआ है."
'सारण के लोग बैटरी और स्टेबलाइजर नहीं खरीदते':राजीव प्रताप रूडी का दावा है कि सारण बिहार ही नही पूरे भारत के मानचित्र पर शायद ऐसा क्षेत्र है जहां के लोग स्टेबलाइजर और बैटरी नहीं खरीदते हैं. जिस इलाके में पहले जेनरेटर का भरोसा रहता था, वहां जनरेटर की बुकिग बंद हो चुकी है.क्योंकि यहां पर 24 घंटे निर्बाध रूप से बिजली की सुचारू आपूर्ति होती है.
'इलाके में बह रही है विकास की गंगा':राजीव प्रताप रूडी का दावा है कि पिछले 10 साल के कार्यकाल में उन्होंने पूरे इलाके में विकास के अभूतपूर्व काम किए हैं. छपरा में अब एलपीजी सिलेंडर की बुकिंग नहीं करनी पड़ती है, घर-घर में पाइपलाइन के जरिये एलपीजी की आपूर्ति हो रही है. छपरा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं."
'पुलों-सड़कों का जाल बिछ गया है': रूडी ने कहा कि "नमामि गंगे परियोजना, डबल डेकर पुल, दिघवारा-शेरपुर पुल, जेपी सेतु के समानांतर 6 लेन का पुल,रेवा घाट पर नया पुल, दरिहारा में पुल का काम शुरू हो रहा है. वहीं ब्रह्मपुर से बिष्णपुरा तक छपरा शहर के बाहर बाहर सड़क का निर्माण और एन एच 19 के निर्माण से इलाके के विकास को नयी दिशा और दशा मिली है."
'विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बनाने का सपना':पेशे से वकील, प्रोफेसर और कॉमर्शियल पायलट रह चुके सांसद राजीव प्रताप रूडी का सपना है कि इलाके में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बने. इसको लेकर वे लगातार तीन सालों से प्रयास कर रहे हैं. उनका दावा है कि "सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी हो चुकी है. सिर्फ केंद्र और बिहार सरकार की मंजूरी बाकी है. जिसके लिए वो हाई कोर्ट में गुहार लगा चुके हैं. हाई कोर्ट ने भी स्वीकार किया है कि ये अच्छी परियोजना है."