जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 के रण में तीन चरण का मतदान हो चुका है. अब बची हुई सीटों पर अगले चार चरण में मतदान होगा. इस बीच कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान को धार देने के लिए खास रणनीति बनाई है. भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के गढ़ में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी राजस्थान के कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को सौंपी गई है. इसके साथ ही अब चुनौती वाली एक-एक सीट पर खास रणनीति के तहत राजस्थान के दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है.
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट छत्तीसगढ़ के प्रभारी हैं, जहां अभी भाजपा की सरकार है और लोकसभा की ज्यादातर सीटें भी भाजपा के खाते में हैं. इसी तरह पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह असम के प्रभारी हैं. असम में भी भाजपा की सरकार है और लोकसभा की ज्यादातर सीटों पर 2019 के चुनाव में भाजपा का कब्जा रहा, जबकि पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब का विशेष ऑब्जर्वर बनाया गया है, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में वहां कांग्रेस को अच्छी सीट मिली थी.
असम और छत्तीसगढ़ में यह है चुनौती :असम में कुल लोकसभा सीटों की संख्या 14 हैं. वहां साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 9 और कांग्रेस को महज दो सीट मिली थी. दो सीट अन्य स्थानीय पार्टियों के खाते में गई, जबकि छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीट हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को वहां 9 सीट मिली, जबकि कांग्रेस को महज दो ही सीट मिली हैं. पंजाब में कांग्रेस की स्थिति मजबूत रही, वहां की कुल 13 लोकसभा सीट में से 2019 में कांग्रेस को 8 सीट मिली थी, जबकि भाजपा को दो सीट मिली. तीन सीट अन्य पार्टियों को मिली.