जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 दो चरणों में संपन्न हो गए. अब सबकी नजरें 4 जून के परिणाम पर हैं. प्रदेश भाजपा में सत्ता और संगठन दोनों के लिए नतीजे खास अहमियत रखने वाले हैं, क्योंकि भाजपा मिशन 25 को लेकर चल रही है, लेकिन इस बार मतदान के रुझानों को लेकर सियासी पंडितों के आकलन चौंकाने वाले आए हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सत्ता और संगठन दोनों के स्तर पर समीक्षा होनी तय है. पार्टी ने मंत्रियों के साथ संगठन की तरफ से सभी लोकसभा सीटों पर वरिष्ठ नेता संयोजक के रूप में लगाए गए थे. अब इन संगठन के नेताओं की साख भी दांव पर है.
नेताओं की साख दांव पर : मरुधरा की सभी 25 सीटों पर तीसरी बार कमल खिलाने के लिए चुनावी रण में उतरी भाजपा ने इस बार सत्ता और संगठन के कई कद्दावर नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी. सरकार के मंत्रियों को प्रभारी की जिम्मेदारी तो संगठन के वरिष्ठ नेताओं को संयोजक का जिम्मा दिया गया. इन संयोजकों ने अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में रणनीति बनाने और भुनाने का काम किया, लेकिन 25 सीटों पर हुए मतदान के बाद भाजपा के मिशन 25 पर कुछ संसय खड़ा हो रहा है.
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पहले और दूसरे चरण में अपेक्षा कृत मतदान नहीं हुआ. मतदाताओं ने इस बार इस लोकतंत्र के पूर्व में कोई ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया. कम मतदान प्रतिशत के बाद राजनीति के पंडित अलग-अलग तरीके आकलन कर रहे हैं. खास तौर पर सत्ताधारी पार्टी के हैट्रिक पर प्रश्न चिन्ह खड़े होने लगे हैं. अब चुनाव परिणाम जो भी हो, यह बात तय है कि चुनाव के बाद संगठन के स्तर पर समीक्षा की जाएगी.
सत्ता के साथ संगठन की साख दांव पर (ETV Bharat Jaipur) ऐसे में संयोजन के तौर पर लगाए गए वरिष्ठ नेताओं की भी इस लोकसभा चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. माना जा रहा है जिस लोकसभा सीट पर विजय रथ रुका, उसी सीट की जिम्मेदारी संभाल रहे संयोजक की राजनीति भविष्य संकट भरा हो सकता है. मतलब साफ है, मंत्रियों के साथ संगठन के पदाधिकारी जिनको लोकसभा संयोजक बनाया है, उनकी साख दांव पर है.
इन नेताओं को बनाया गया था लोकसभा संयोजक :
- जोधपुर लोकसभा सीट पर राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत.
- अजमेर लोकसभा सीट पर विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत.
- राजसमंद लोकसभा सीट पर विधायक हरि सिंह रावत.
- भरतपुर लोकसभा सीट पर विधायक शैलेश सिंह.
- जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक नारायण सिंह देवल.
- जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक निर्मल कुमावत.
- पाली लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक लक्ष्मीनारायण दवे.
- दौसा लोकसभा सीट पर सत्यनारायण शहारा.
- टोंक-सवाई माधोपुरलोकसभा सीट पर नरेश बंसल.
- बाड़मेर लोकसभा सीट पर खुमान सिंह सोढा.
- बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर हरीश पाटीदार.
- चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर रणजीत सिंह भाटी.
- गंगानगर लोकसभा सीट पर बलवीर बिश्नोई.
- बीकानेर लोकसभा सीट पर सत्यप्रकाश आचार्य.
- करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर शिवकुमार सैनी.
- अलवर लोकसभा सीट पर संजय सिंह नरूका.
- उदयपुर लोकसभा सीट पर प्रमोद सामर.
- जयपुर शहर लोकसभा सीट पर एसएस अग्रवाल.
- भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर शक्ति सिंह.
- कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर सुनीता व्यास.
- झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर छगन माहुर.
- झुंझुनू लोकसभा सीट पर दशरथ सिंह शेखावत.
- सीकर लोकसभा सीट पर प्रभु सिंह गोगावास.
- चूरू लोकसभा सीट पर ओम सारस्वत.
- नागौर लोकसभा सीट पर रमाकांत शर्मा.