रांची: झारखंड की राजनीति में दलित वोट बैंक अहम भूमिका निभाता है. राज्य की 81 विधानसभा सीटों में 09 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इतना ही नहीं कुल आबादी का करीब 14 प्रतिशत संख्या दलितों की है. ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही हर राजनीतिक दल की नजर "दलित वोट बैंक" को साधने पर है. इस होड़ में राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय दल भी शामिल है. जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' सेक्युलर के बाद अब लोजपा (रामविलास) ने भी 25 अगस्त को रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
दलित वोट बैंक पर रहेगी खास नजर
झारखंड में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने के पीछे कई वजह बतायी जा रही है. बिहार के बाद चिराग पासवान की नजर अब संगठन को झारखंड में मजबूत करने को लेकर है. बिहार में चिराग पासवान के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भारी सफलता मिलने के बाद अब झारखंड में भी संगठन को मजबूत तरीके से खड़ा करने का टास्क दिया गया है. यह बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की मौजूदगी में शहर के निजी होटल में आयोजित होगी. इस बैठक में न सिर्फ नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा बल्कि विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति भी तैयार की जाएगी.
लोजपा प्रदेश अध्यक्ष बीरेंद्र प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई 18 सीटों पर एनडीए फोल्डर के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसके लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा. झारखंड में हाल के दिनों में काफी मजबूत हुआ है. दलित वोट बैंक के सहारे पार्टी चुनावी नैया पार लगाने में सक्षम है. ऐसे में यदि गठबंधन के तहत चुनाव लड़ना संभव होता है तो कोई बात नहीं लेकिन यदि गठबंधन नहीं हुआ तो भी हम चुनाव लड़ेंगे.