बोकारो: मकर संक्रांति के अवसर पर तिल खाने का अपना ही महत्व है, शहरों में लोग इस परंपरा से कुछ दूर हुए हैं, मगर वर्तमान समय में अभी भी लोग तिलकुट खाकर इस परंपरा को निभा रहे हैं.
बोकारो में गया के कारीगर यहां आकर गया के फेमस तिलकुट का स्वाद देने के लिए तिलकुट बनाने का काम कर रहे हैं. बोकारो में गया से आए कारीगर पिछले दिसंबर महीने से गुड़ और चीनी की चासनी बनाकर गुड़, चीनी और खोवा का तिलकुट बना रहे हैं. बोकारो में विभिन्न चौक चौराहों पर आज दुकानें सजाई गई हैं.
अलग-अलग वेराइटी की अलग-अलग है कीमत
कारीगरों का कहना है कि बोकारो में हम गया के फेमस रमना तिलकुट का स्वाद देने का काम कर रहे हैं. गुड़ का तिलकुट ₹280 चीनी का तिलकुट ₹260 और खोवा का तिलकुट ₹400 बोकारो के बाजार में बिक रहा है. दुकानदार भी बिक्री को लेकर काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं.
अधिक कुटाई से आता है स्वाद
कारीगरों का कहना है कि पुराने तरीके से बोकारो में तिलकुट बनाने का काम किया जाता है. लोहे की कढ़ाई में पहले चासनी बनाई जाती है. उसके बाद उसको अच्छे से तैयार किया जाता है. उसके बाद इसकी कुटाई की जाती है. जितनी कुटाई अधिक होती है उतना ही उसमें खस्तापन आता है, इसी कारण तिलकुट स्वादिष्ट और काफी खस्ता होता है.
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