औरंगाबादःसरकार की ओर से मिड डे मील इसलिए शुरू किया गया था ताकि गरीब बच्चों को एक टाइम पौष्टिक भोजन मिल सके. बच्चों की पढ़ाई और पोषण पर कोई प्रभाव नहीं पड़े. लेकिन पौष्टिक भोजन तो दूर साफ-सफाई तक का ख्याल नहीं रखा जाता है. आए दिन भोजन में कीड़े-मकोड़े और छिपकली मिलने की शिकायत मिलती रही है. कई बार तो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. ताजा मामला बिहार के औरंगाबाद का है जहां खाना में छिपकली मिलने की शिकायत सामने आयी है.
अभिभावकों ने किया हंगामाः दरअसल, मामला जिले के ओबरा प्रखण्ड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजवारा का है. शुक्रवार को बच्चों के लिए तैयार मिड डे मील में मृत छिपकली पाई गई. जिसकी सूचना मिलने पर बच्चे भड़क गए और अपने अभिभावकों को सूचना दी. सूचना मिलते ही अभिभावक भी विद्यालय परिसर पहुंचकर हंगामा करने लगे.
स्कूल में खाना में छिपकली मिलने की शिकायत करते बच्चे (ETV Bharat) स्कूल में साफ-सफाई की कमीः स्कूल की छात्रा कैटरीना कुमारी, खुशी कुमारी, पूजा कुमारी आरती कुमारी सहित अन्य ने बताया कि मिड डे मील में छिपकली और कीड़े मिलना आम बात है. यहां के बच्चों को काफी कम मात्रा में खाना दिया जाता है. जो सब्जी दिया जाता है वह अच्छे से पका हुआ नहीं होता है. पूरे विद्यालय परिसर में चारों और गंदगी और कचरा फैला हुआ रहता है. छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य चाय बनाने और साफ-सफाई के लिए कहते हैं.
'आरोप बेबूनियाद':ग्रामीण नगदेव ने बताया कि आज बड़ी घटना होते-होते बच गयी. उन्होंने इस लापरवाही के खिलाफ स्कूल प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग की है. इस संबध में प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि घटना गुरुवार की है. मिड डे मील में छिपकली मिलना बेबुनियाद बात है.
स्कूल में खाना में छिपकली मिलने की शिकायत करते बच्चे (ETV Bharat) "हमारी यहां तुरंत पोस्टिंग हुई है. छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्तायुक्त, परिणाम मूलक शिक्षा दिए जाने व अन्य व्यवस्थाओं को सुधार करने के लिए थोड़ा सख्ती बरती जा रही हैं. इस बात को लेकर साज़िश के तहत बच्चों को आगे कर हंगामा करवाया गया है. मैं पूरी कोशिश करूंगा कि ऐसी कोई वाक्या हमारे स्कूल में ना हो."-प्रमोद कुमार तिवारी, प्रधानाचार्य
'बीमार हो सकते थे बच्चे':खाना खाने से हालांकि इस घटना के बाद से कुछ समय तक विद्यालय की स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. सूचना पहुंचे अन्य लोगों ने अभिभावक को समझा बुझाकर मामला शांत कराया. स्थानीय लोगों ने स्कूल के प्रधानाचार्य से गुणवत्तापूर्ण भोजन देने की अपील की है. इसके बाद मामला शांत हुआ. लोगों ने बताया कि अच्छी बात है कि किसी बच्चे ने खाना नहीं खाया था नहीं हो बीमार हो सकते थे.
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