नई दिल्ली: उपराज्यपाल कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीएसए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को हटाने की फाइल रोकने का आरोप लगाया गया है. बीएसए मेडिकल कॉलेज में छात्राओं को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. उपराज्यपाल कार्यालय से कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी से फाइल रोक रखी है. जबकि, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर प्रिंसिपल को तुरंत हटाने की मांग की थी.
20 मार्च को एलजी वीके सक्सेना को लिखे एक नोट में सौरभ भारद्वाज ने डॉ ईश्वर सिंह को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह इस मामले में पीड़ित लड़कियों के साथ असहयोग कर रहे थे. साथ ही उन्होंने लड़कियों को बात आगे बढ़ाने से रोका था. लेकिन, जो बात सरकार की मंशा पर गंभीर संदेह पैदा करती है, वह यह है कि डॉ. ईश्वर सिंह को हटाने की फाइल 45 दिन से सीएम केजरीवाल के पास लंबित है. एनसीसीएसए के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं. सदस्य सचिव (एनसीसीएसए) ने सात मार्च और 13 मार्च को सीएम को अनुस्मारक भी भेजा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री को लिखे एक नोट में इस स्पष्ट तथ्य को सामने लाया है और अफसोस जताया है कि सीएम केजरीवाल की निष्क्रियता के कारण न तो ट्रांसफर/पोस्टिंग और न ही संवेदनशील मामलों पर सतर्कता कार्रवाई शुरू की जा सकी है. 21 मार्च को गिरफ्तारी से पहले भी एलजी ने केजरीवाल को नोट भेजा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एलजी पहले ही दिल्ली पुलिस को आपराधिक कार्यवाही में तेजी लाने का निर्देश दे चुके हैं. उन्होंने मुख्य सचिव को मामले में अनुशासनात्मक कार्यवाही में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है.