लातेहारः प्रेम की अनेकों कहानियां हैं, जिसकी दुनिया भर में चर्चा होती है. कुछ प्रेम कहानियां ऐसी भी हैं जो गुमनामी के अंधेरे में खो गईं. ऐसी ही एक अमर प्रेम कहानी है अंग्रेज अफसर के बेटी और चरवाहे की. जिसकी महक आज भी लातेहार के नेतरहाट की फिजाओं में समायी हुई है. एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें प्रेम परवान तो चढ़ा लेकिन कहानी अधूरी रह गई. कहानी का अंत दर्द भरा रहा. नेतरहाट का मैगनोलिया प्वाइंट इस कहानी को बखूबी बयां करता है.
चरवाहे से हुआ अंग्रेज अफसर की बेटी को प्यार
दरअसल, नेतरहाट की हसीन वादियों में आज भी ब्रिटिश अफसर की बेटी और एक मामूली चरवाहे की अमर प्रेम कहानी की खुशबू बिखरी हुई है. नेतरहाट के मैगनोलिया प्वाइंट आने वाले पर्यटक अमर प्रेम की खुशबू को बखूबी महसूस भी करते हैं. बताया जाता है कि नेतरहाट के बटुआटोली का रहने वाला एक चरवाहा युवक बटुक नेतरहाट की वादियों में मवेशी चराने जाया करता था. इस दौरान वह बड़ी मधुर बांसुरी बजाया करता था. एक बार एक अंग्रेज अफसर की बेटी मैगनोलिया जब नेतरहाट आई थी तो वह अपने घोड़े पर सवार होकर घूमने निकली. इसी दौरान बटुक मवेशी चरा रहा था और बांसुरी बजा रहा था. उसकी बांसुरी की सुरीली आवाज से अंग्रेज गवर्नर की बेटी मैगनोलिया दीवानी बन गई. उसके बाद चरवाहा और मैगनोलिया की नजदीकियां बढ़ती ग. मैगनोलिया अक्सर चरवाहे के साथ घंटों नेतरहाट की वादियों में बैठकर बांसुरी की धुन सुनती रहती थी.
अंग्रेज अफसर ने चरवाहे की हत्या करवाई तो मैगनोलिया ने भी दे दी जान