राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

वर्ष की आखिरी सोमवती अमावस्या आज, अगले वर्ष नहीं बनेगा एक भी संयोग - SOMVATI AMAVASYA 2024

वर्ष की आखिरी सोमवती अमावस्या आज है. अगले वर्ष नहीं बनेगा सोमवती अमावस्या का एक भी संयोग. जानिए क्या है पांडवों का पुष्कर कनेक्शन ?

Somvati Amavasya 2024
वर्ष की आखिरी सोमवती अमावस्या (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 29, 2024, 3:08 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 6:25 AM IST

अजमेर: वर्ष 2024 की आखिरी सोमवती अमावस्या आज है. यह संयोग वर्ष में दो से चार बार ही बनता है. जबकि अगले वर्ष यह संयोग एक बार भी नहीं बन रहा है. पुष्कर तीर्थ की बात करें तो द्वापर युग में पांडवों ने अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए पुष्कर में कई वर्षों तक रहकर सोमवती अमावस्या का इंतजार किया था, लेकिन उन्हें भी सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या का यह दुर्लभ संयोग प्राप्त नहीं हुआ था. उन्हें पुष्कर छोड़कर हिमालय जाना पड़ा, लेकिन वहां भी सोमवती अमावस्या का संयोग नहीं मिला था.

पुष्कर में ज्योतिष पंडित कैलाशनाथ दाधीच बताते हैं कि 30 दिसंबर 2024 को वर्ष की आखिरी सोमवती अमावस्या है. यह प्रश्न पक्ष अमावस्या सोमवार सूर्य उदय से रात्रि 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. इस दिन देव पितृ कार्य अमावस्या भी है. पंडित शर्मा बताते हैं कि मलमास का सूर्य उत्तरायण और सोमवती अमावस्या का जन्म मानस को त्रिगुणात्मक धर्म कर्म का लाभ मिलेगा. वेद और अन्य शास्त्र ग्रंथ में उल्लेख है कि सोमवती अमावस्या को पितरों के नाम से दान पुण्य, हवन पूजन, तर्पण, मार्जन, नारायण बलि, त्रिपिंडी श्राद्ध, एक पिंडी श्राद्ध करने से पितरों की मोक्ष गति और बैकुंठ गामी होते हैं. साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

पढ़ें :एक-एक पैसे जोड़कर जमा किए 3 लाख रु., और अब 85 साल की अवस्था में शिरडी साईं बाबा संस्थान को किया पूरा दान - SHIRDI SAI BABA SANSTHAN

उन्होंने बताया कि महाभारत में वर्णित है कि पांचों पांडवों ने पितरों की मोक्ष गति के लिए सोमवती अमावस्या का पुष्कर में वर्षों तक इंतजार किया था. उसके बाद पांडव हिमालय की ओर चले गए. जहां भी बर्फ की कंदराओं में रहकर उन्होंने सोमवती अमावस्या का इंतजार किया था, लेकिन यहां भी सोमवती अमावस्या का पर्व नहीं मिला. पंडित शर्मा बताते हैं कि सूर्य उत्तरायण में होने से पितरों को धन पुण्य का दुगना फल मिलता है और मलमास में दान पुण्य करने से प्रेग्नेंट आत्मक फल प्राप्त होता है. समुद्र, नदियों और तीर्थ स्थान खासकर पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में स्नान कर तर्पण, मार्जन, नारायण बलि से सूर्य उत्तरायण की साक्षी में पितरों को मोक्ष बैकुंठ गामी होकर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यही वजह है कि सोमवती अमावस्या पर पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डूबकी लगाएंगे.

इन वस्तुओं का करें दान : पंडित शर्मा बताते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन जल, अन्न, फल, वस्त्र, धार्मिक पुस्तक, सूखा मेवा, गर्म भोजन, सर्दी के वस्त्र दान करने से पीपल की पूजन करने से वृक्ष लगाने से और गौशाला में हरा चारा सूखा चारा, कुट्टी आदि का दान करने से अक्षय गुना फल मिलता है.

भगवान शिव और विष्णु की पूजा से होगी मनोकामनाएं पूर्ण : उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत, गीता, पितृ संहिता, विष्णु सहस्त्रनाम, गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करने और नारायण मंत्र जाप करने से करोड़ों गुना फल मिलता है. 29 दिसंबर 2024 पोस्ट कृष्ण पक्ष रविवार को महीने की शिवरात्रि की पूजन रात्रि में पार्थिव शिव की करने से सर्वार्थ सिद्धि योग में पुण्य फल मिलता है और बैकुंठ भगवान के जय विजय पार्षद का पुण्य दिन भी इसी दिन रहेगा. इस दिन विष्णु पूजन और शंकर पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होगी.

Last Updated : Dec 30, 2024, 6:25 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details