जयपुर: विधानसभा में विधायकों द्वारा लगाए जाने वाले सवालों की पेंडेंसी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने विधानसभा में उच्च स्तरीय बैठक लेते हुए सख्त निर्देश दिए कि 20 जनवरी से पहले सवालों के जवाब की पेंडेंसी का निपटारा किया जाए. देवनानी ने कहा कि विधानसभा आमजन की समस्या के समाधान का सशक्त प्लेटफार्म है. विधायकों द्वारा जन समस्याओं के संबंध में उठाये गये मुद्दों के निराकरण विधानसभा के पवित्र सदन में होना आवश्यक है. राज्य सरकार के अधिकारी समस्याओं के निराकरण करने में सहयोगी बने और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन समय सीमा में करना सुनिश्चित करें.
अधिकारियों को निर्देश, जवाब समय सीमा में भेजें: देवनानी ने कहा कि प्रश्नों के जवाब लम्बे समय तक विधानसभा को प्राप्त नहीं होना चिन्ता का विषय है. उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि विधानसभा के प्रश्नों के जवाब सोलहवीं विधानसभा के तीसरे सत्र से पहले 20 जनवरी तक सभी प्रश्नों के जवाब विधानसभा को आवश्यक रूप से भेजें. देवनानी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्वायत्त शासन विभाग, शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग, नगरीय विकास विभाग और गृह विभाग का नाम प्रमुखता से लेकर कहा कि इन विभागों में विधानसभा के प्रकरण अधिक संख्या में लम्बित है.
देवनानी ने कहा कि इन विभागों को प्राथमिकता से गम्भीर होकर विधानसभा के मामलों का निस्तारण समय सीमा में करना होगा. अधिक प्रश्नों के बकाया जवाबों वाले विभागों के अधिकारियों से रूबरू हुए और उनसे प्रश्नों के जवाब नहीं आने के कारणों की जानकारी ली. देवनानी ने कहा कि विधानसभा की समितियों की कार्यवाही को भी प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से लें ताकि ऑडिट पैर पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध समय पर कार्रवाई हो सके.
प्रश्नों के मामले में दुबारा ना बुलानी पड़े बैठक: देवनानी ने कहा कि अधिकारी विधानसभा से संबंधित मामलों में इस तरह की मॉनिटरिंग करें की लम्बित प्रश्नों के मामले में उन्हें भविष्य में अन्य बैठक बुलाने की आवश्यकता ही ना हो. जनहित के मामलों का निस्तारण विधानसभा में समय सीमा में कराया जाना सशक्त लोकतंत्र के लिये आवश्यक है. देवनानी ने कहा कि विधानसभा से संबंधित प्रश्नों के मामले में विभाग के अधिकारियों के साथ कैम्प लगाकर युद्ध स्तर पर कार्य निस्तारण की कार्यवाही करें.
देवनानी ने कहा कि तीस दिन विधानसभा चलती है. एक विभाग के लिये पांच दिन का ही समय आता है. विधानसभा से अधिक महत्वपूर्ण कोई कार्य नहीं हो सकता है. विधानसभा में बैठकों के दौरान वरिष्ठ अधिकारीगण दीर्घा में मौजूद रहें. उन्होंने कहा कि जनता को यथासमय जवाब मिलने पर सन्तुष्टि होती है. देवनानी ने कहा कि राजस्थान के लोग धैर्यवान हैं. उनकी कठिनाईयों का निराकरण करना हम सभी का प्रथम दायित्व है. देवनानी ने कहा कि विधानसभा में राज्य के निगमों, बोर्ड आदि के प्रतिवेदन समय पर नहीं आते है. यह ठीक नहीं है, इसे गम्भीरता से ले और जिम्मेदारी तय करें.