जयपुर: सर्दियों का सीजन शुरू होते ही हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है. सवाई मानसिंह अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बीते 9 महीनों में हृदय रोग से पीड़ित जितने भी मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, उसमें से तकरीबन 16 फीसदी से अधिक मरीजों में आर्टरी ब्लॉकेज मिले हैं. आंकड़ों के अनुसार एसएमएस अस्पताल में दिल का इलाज करवाने आए 16% लोगों की आर्टरी में 50% से ज्यादा ब्लॉकेज मिला. 50% ब्लॉकेज वाले 17% पुरुष और 11% महिलाएं शामिल हैं. इनमें 45-60 आयु वर्ग में ज्यादा मामले ज्यादा हैं जबकि 45 से कम उम्र के 28% लोगों में सिंगल आर्टरी ब्लॉकेज मिला है.
बिना वार्निंग अटैक: एसएमएस अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक माहेश्वरी का कहना है कि जिन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या रहती है. सर्दियों के मौसम में ऐसे हाई रिस्क ग्रुप वाले लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत रहती है. खास बात यह है कि हाल ही में कुछ हार्ट अटैक के मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं जिसमें मरीज में कोई लक्षण नजर नहीं आया और सीधे अटैक आ गया. यानी अधिकतर मामलों में अटैक ही पहला लक्षण नजर आया.
स्ट्रेस सबसे बड़ा कारण: डॉक्टर माहेश्वरी का यह भी कहना है कि युवाओं में स्ट्रेस काफी देखने को मिल रहा है और हार्ट डिजीज का यह सबसे बड़ा कारण है. हाल ही में कुछ मामले भी देखने को मिले थे जिसमें मॉर्निंग वॉक करते हुए एक पुलिसकर्मी को हार्ट अटैक आ गया था. जबकि कोटा में भी एक मामला सामने आया था जहां पति के रिटायरमेंट कार्यक्रम में पत्नी को हार्ट अटैक आया और उसकी जान चली गई.
फैमिली हिस्ट्री तो भी रिस्क: डॉक्टर माहेश्वरी का यह भी कहना है कि यदि परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक आ चुका है या फिर हार्ट से जुड़ी बीमारी रह चुकी है, तो आने वाली पीढ़ी में भी यह बीमारी देखने को मिलती है. ऐसे में 35-40 वर्ष की उम्र के बाद रूटीन जांच कराना काफी जरूरी है. सर्दियों में हार्ट अटैक का प्रमुख कारण प्लेटलेट्स की एक्टिविटी बढ़ने के साथ ही डि-हाइड्रेशन होना, शरीर की मुख्य धमनियों का सुकड़ना है.