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बांका में श्मशान की जमीन को लेकर दो पक्ष भिड़े, पुलिस ने शांत कराया मामला - land dispute in banka

Fight In Banka: बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत श्मशान का रास्ता बंद करने को लेकर ग्रामीण और मजदूर आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों में मारपीट हुई. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 28, 2024, 7:15 AM IST

बांका में जमीन विवाद
बांका में जमीन विवाद

बांका: बिहार के बांका में श्मशान का रास्ता बंद करने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीटहो गई. जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत चांदन कटोरिया पक्की सड़क पर नदी किनारे बुधवार को ग्रामीण, मजदूर और जमीन मालिक के बीच मारपीट हुई है. सूचना पर पुलिस ने पहुंच कर विवादित जमीन पर हो रहे काम को रोक दिया तब जाकर मामला शांत हुआ.

श्मशान की जमीन को लेकर विवाद: बताया जाता है कि यह जमीन देवघर के एक भूमाफिया छोटू यादव के द्वारा खरीदी गई है. कई बार जमीन घेराबंदी का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार आम लोगों के विरोध के कारण काम बंद करना पड़ा. ग्रामीणों का मानना है कि यह जमीन सरकारी है, गलत ढंग से खरीद कर अंचल कार्यालय की मिली भगत से उसकी दाखिल खारिज भी करा ली गई है और घेराबंदी का प्रयास किया जा रहा है.

घेराबंदी के दौरान मारपीट: बुधवार सुबह काफी संख्या में मजदूर लेकर जब क्रेता छोटू यादव जमीन की घेराबंदी करवा रहा था, उसी समय काफी संख्या में ग्रामीण जमा हो गये और मजदूरों सहित काम कराने वाले अन्य लोगों के साथ हाथापाई होने लगी. जिसमें कई लोगों को चोट आयी, यहां तक की एक स्थानीय पत्रकार के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया.

घेराबंदी से श्मशान जाने का रास्ता बंद: ग्रामीणों ने बताया कि जमीन की घेराबंदी होने से श्मशान तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचेगा, ऐसे में उन्हें काफी परेशानी होगी. मिली जानकारी के अनुसार इसके पहले भी इसी बात को लेकर विवाद हो चुका है, उस वक्त तत्कालीन सीओ प्रशांत शांडिल्य ने उस पूरे जमीन पर 144 लगाया गया था.

पूर्व में भी हुआ विवाद: बताया कि ग्रामीणों की ओर से चांदन सरपंच को विपक्षी बनाया गया था, लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी सरपंच राकेश कुमार न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए और अपना कोई लिखित बयान नहीं दिया. जिस कारण उस वाद को एसडीएम द्वारा खारिज कर दिया गया. इस वजह से जमीन क्रेता को एक बार फिर जमीन घेराबंदी का मौका मिल गया.

पुलिस ने कराया मामला शांत: इधर पुलिस को सूचना देकर घटनास्थल पर बुलाया गया. पुलिस ने दोनों पक्षों को कागजात के साथ जनता दरबार में उपस्थित होने को कहा है और तब तक के लिए काम को बंद कर दिया गया. इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और वहां से सभी ग्रामीण चले गए.

"वह जमीन खतियान नहीं रैयत से खरीद की है, जिसका दाखिल खारिज भी सभी कागजात को देखकर किया गया है. फिर भी ग्रामीण जबरन उस जमीन पर रास्ता मांग रहे हैं. जबकि स्थानीय मुखिया और अन्य गणमान्य लोगों के कहने पर उसने अपनी खरीद की जमीन से श्मशान तक जाने का रास्ता छोड़ दिया है. इससे कुछ ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं और बहकावे में आकर हमारे मजदूर के साथ मारपीट कर कई सामान गायब कर दिए हैं. इसकी लिखित शिकायत थाना को दे दी गई है."-छोटू यादव, जमीन क्रेता

"दोनों पक्षों को समझा-बूझाकर कागजात की मांग की गई है. जमीनी कागजात के आधार पर ही अंचल कार्यालय से अनुरोध कर आगे की कार्रवाई कराई जाएगी."-विष्णुदेव कुमार, थानाध्यक्ष

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