शिमला: हिमाचल सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास सहित अन्य धार्मिक संस्थाओं को लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन कर छूट देने का रास्ता साफ कर दिया है. विधानसभा के विंटर सेशन के दौरान लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन बिल पास हो गया है. हालांकि, विपक्ष इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की वकालत कर रहा था. खैर, संशोधन बिल पास होने के बाद अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य धार्मिक संस्थाओं को तय शर्तों के साथ लैंड ट्रांसफर की छूट मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया था. शुक्रवार को सदन में इस बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी इस संशोधन विधेयक को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रही थी, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे मंजूर नहीं किया और फिर संशोधन बिल को ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया. अब ये बिल राष्ट्रपति भवन से मंजूर हुआ तो फिर लागू हो जाएगा.
बिल पर चर्चा में किसने क्या कहा?
बिल पर सदन में चर्चा हुई. इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में बताया कि इस संशोधन विधेयक के जरिए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने वाली संस्थाओं को जमीन हस्तांतरण में छूट मिलेगी. मुख्य रूप से राधा स्वामी सत्संग ब्यास समेत अन्य संस्थाओं को 30 एकड़ अथवा डेढ़ सौ बीघा तक जमीन ट्रांसफर की जा सकेगी. राजस्व मंत्री ने कहा कि यदि इस जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य कार्य के लिए होगा, तो यह वापस सरकार में निहित हो जाएगी. सरकार ने इस बात का खास ध्यान रखा है कि भूमि का गलत इस्तेमाल न हो.
चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी मानती है कि राधा स्वामी सत्संग की इस समस्या का समाधान हो. भारतीय जनता पार्टी इस संस्था की ओर से किए जाने वाले कार्यों की भी सराहना करती है, लेकिन हमें इसके दुरुपयोग का डर है. उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में अन्य संस्थाएं भी छूट को आगे आएंगी. ऐसे में इस बिल को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के हितों का संरक्षण किया जा सके.