नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की पॉश कॉलोनी लाजपत नगर 3 ने यह साबित कर दिया है कि स्वच्छता और सतत जीवनशैली केवल एक विचार नहीं, बल्कि इसे अपनाना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है. हाल ही में आयोजित ज़ीरो वेस्ट अवेयरनेस मीट ने कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और ठोस कार्रवाई करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस सामुदायिक पहल के तहत 95% से अधिक कचरा या तो रिसाइकल किया जा रहा है या खाद (कंपोस्ट) में बदला जा रहा है.
फरवरी 2024 से पूरी तरह लागू होने के बाद इस पहल ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. आईआईटी-दिल्ली के पूर्व छात्र अजय अग्रवाल द्वारा स्थापित टोजेरो सस्टेनेबल सोल्यूशन की मदद से अब तक 48 टन गीला कचरा खाद में बदला गया है. 76 टन सूखा कचरा रिसाइकल किया गया है और 12 कचरा इकट्ठा करने वाले लोगों को स्थायी रोजगार मिला है. यह परिवर्तन निवासियों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने दिखाया है कि छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं.
जीरो वेस्ट पहल की शुरुआत: इस पहल की शुरुआत साल 2023 में ज़ीरो वेस्ट कमेटी ने की थी, जिसका नेतृत्व चरणजीत सिंह कर रहे हैं. इसे लाजपत नगर 3 रेज़िडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) का पूरा सहयोग प्राप्त है, जिसमें एसबी सिंह, ललित वोहरा, सुजाता बहल, मीता चड्ढा और संदीप चड्ढा शामिल हैं. इस अभियान को और मजबूती मिली जब एमसीडी अधिकारियों और डीडीएसआईएल टीम ने कार्यक्रम में भाग लिया और कचरा प्रबंधन के महत्व तथा इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर चर्चा की.
दिल्ली में जीरो वेस्ट पहल (ETV Bharat) इस तरह हुआ बदलाव:पार्षद शरद कपूर, जो इस पहल को शुरू से समर्थन दे रहे हैं, ने कहा कि लाजपत नगर 3 के निवासियों ने दिखाया है कि जब समुदाय एकजुट होकर काम करता है, तो वास्तविक बदलाव संभव होता है. यह पहल न केवल हमारे इलाके के लिए, बल्कि पूरी दिल्ली के लिए एक मिसाल बनेगी. चरणजीत सिंह ने इस मौके पर कहा कि हमारा समुदाय साबित कर रहा है कि ज़ीरो वेस्ट जीवनशैली सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक वास्तविकता है. नियमित कचरा पृथक्करण, कंपोस्टिंग और रीसाइक्लिंग के ज़रिए हम न केवल लैंडफिल में जाने वाले कचरे को कम कर रहे हैं, बल्कि अन्य इलाकों के लिए भी एक अनुकरणीय मॉडल बना रहे हैं. ललित वोहरा ने इस पहल की उपयोगिता पर जोर देते हुए कहा कि अक्सर कचरा प्रबंधन को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन इस पहल ने दिखाया है कि एक व्यवस्थित प्रणाली के माध्यम से हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं. आज किए गए हमारे प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करेंगे.
मेरा कचरा, मेरी ज़िम्मेदारी अभियान का मूल संदेश:आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने कहा कि इस पूरे अभियान का मूल उद्देश्य केवल सफ़ाई बनाए रखना ही नहीं है, बल्कि हर नागरिक में कचरे के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना विकसित करना है. जब हर व्यक्ति अपने कचरे का प्रबंधन खुद करने लगेगा, तभी एक स्वच्छ और हरित भविष्य संभव होगा. सुजाता बहल ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बदलाव घर से शुरू हो. जब हम अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे, तभी यह आदत पूरे शहर में फैलेगी और अन्य इलाकों को भी प्रेरित करेगी.
यह भी पढ़ें: