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साल 2024 में एमपी से मिला दूसरे राज्यों को सियासी सबक, लाड़ली बहना का वोट क्यों हैं जरूरी - MP LADLI BEHNA YOJANA

मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना का कमाल साल 2024 में खूब देखने मिला. एमपी सहित कई राज्यों में बीजेपी ने जीत हासिल किया. एमपी लाड़ली योजना ने कैसे दिखाई ताकत, पढ़िए भोपाल से ब्यूरो चीफ शिफाली पांडे की खास रिपोर्ट.

MP LADLI BEHNA YOJANA
साल 2024 में एमपी से मिला दूसरे राज्यों को सियासी सबक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 8:25 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने जिन लाड़ली बहनों के आशीर्वाद से सत्ता पर सवार होकर 2024 में प्रवेश किया. पार्टी को अंदाजा था कि इन्हीं लाड़लियों के बूते एमपी में लोकसभा चुनाव में भी इतिहास रचा जा सकता है. बीजेपी ने जिस लाड़ली बहना योजना के बूते एमपी में 165 सीटों पर जीत हासिल की थी. उसी योजना को जारी रख महिला वोटर को ये भरोसा दिलाया कि एमपी में बहने लाड़ली तभी बनी रहेंगी. जब तक कमल खिला रहेगा. अघोषित तौर पर महिला वोटर के बीच ये बात बैठा दी गई कि अगर बीजेपी चुनाव नहीं जीती तो लाड़ली बहना योजना बंद हो जाएगी.

उधर कांग्रेस ने एमपी में लाड़ली बहना का जादू देखा तो लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने महालक्ष्मी योजना का एलान किया और वादा किया कि कांग्रेस अगर देश की सत्ता में आई तो देश की हर गरीब महिला लखपति हो जाएगी. हर हरीब महिला के खात में एक लाख आएंगे, लेकिन महिला वोटर को सीधे एड्रेस करने वाली ऐसी योजनाओं की जमीन मध्य प्रदेश में महिलाओं ने हाथ आ रही महीने की रकम पर भरोसा जताया. लाड़ली बहनों की बदौलत लोकसभा चुनाव में 29 की 29 सीटें बीजेपी के खाते में गईं. ये 2024 में लाड़ली बहनों के इसी फार्मूले पर महाराष्ट्र झारखंड और हरियाणा में सियासी दल सत्ता पर सवार हुए.

एमपी की लाड़ली बहना का बीजेपी पर विश्वास (ETV Bharat)

एमपी में वोटिंग घटी, लेकिन बहना का वोट बीजेपी को

चार महीने पहले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत जो करीब 76 फीसदी था. वो लोकसभा चुनाव के चार चरणों के मतदान में 66 फीसदी पर सिमट गया. सीधे 11 फीसदी की कमी आई, लेकिन इस घटे हुए वोट के बावजूद एमपी में महिलाओं का वोट एक मुश्त एक ही पार्टी को रहा. 29 सीटों पर खिला कमल इस बात की तस्दीक है कि महिलाएं अगर घर से निकली तो बीजपी को जिताने के लिए ही निकली हैं.

कांग्रेस की प्रवक्ता संगीता शर्मा कहती हैं, "असल में महिला वोटर को इस तरह से बीजेपी की ओर स डराया गया था कि अगर वोट नहीं दिया तो लाड़ली बहना योजना का पैसा बंद हो जाएगा. ये तो सीधा सीधा प्रलोभन था."

लाड़ली बहना का वोट क्यों जरूरी (ETV Bharat)

2024 में एमपी के नतीजों ने बताई लाड़ली की ताकत

2024 में जिस तरह से 29 लोकसभा सीटों पर बीजपी की जीत हुई. इस लैंडस्लाइड विक्ट्री के बाद बाकी राज्यों को भी पता चला कि महिला वोटर की कीमत क्या है. 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहले हरियाणा फिर महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक लाड़ली बहना योजना नए-नए स्वरूप में पहुंचती रही. हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना में 2100 रुपए देने का वादा किया गया. ये वादा बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित हुआ.

लाड़ली बहनों से राखी बंधवाते मोहन यादव की तस्वीर (ETV Bharat)

महाराष्ट्र में भी माझी लाड़िली बहिनी योजना का असर ये हुआ कि वोटिंग प्रतिशत में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई. इसे महिलाओं की वोटिंग में वृद्धि मानी गई. महाराष्ट्र में 2019 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.26 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 65.21 फीसदी पर चला गाया. कमोबेश झारखंड में भी इन्हीं महिला वोटर ने जीत दिलाई.

वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष खांडेकर कहते हैं, महाराष्ट्र में भी महायुति की सरकार बनवाने में महिला वोटर की ही भूमिका रही. इस बात स इंकार नहीं किया जा सकता कि महायुति महिला वोटर को कन्वीन्स करने में कामयाब रही. बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह कहती हैं "असल में महिलाओं को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनान की शुरुआत तो एमपी से ही हुई. मध्य प्रदेश के बाद ही बाकी राज्यों ने महिला की ताकत को पहचाना और एक के बाद के राज्यों ने महिलाओं को आर्थिक सहायतना दने वाली योजनाओं की शुरुआत हुई.

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