भोपाल: देश में इन दिनों अभिनेता सैफ अली खान सुर्खियों में बने हुए हैं. मुंबई में आवास में उन पर हमला होने के बाद सैफ अली खान को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से वे आज यानि मंगलवार को डिस्चार्ज हो गए हैं. इस बीच चर्चाओं में रहे सैफ अली को लेकर खबरों का बाजार गरम रहा. आपको बता दें अपनी चोट से पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं हो पाए सैफ अली खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में मौजूद पटौदी खानदान की 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर सरकार कब्जा कर सकती है.
पाकिस्तान चली गई थी पटौदी खानदान की एक बेटी
भोपाल रियासत नवाबों की संपत्ति थी. भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान का 1960 में इंतकाल हो गया था. इसके बाद भोपाल नवाब की सारी संपत्ति का वारिस उनकी बेटियां हो गईं. इनमें से एक का नाम आबिदा सुल्तान था और दूसरी का नाम साजिदा सुल्तान था. आबिदा सुल्तान 1950 में ही भारत छोड़कर पाकिस्तान चली गई थी. सबिया सुल्तान का विवाह पटौदी रियासत के नवाब से हुआ था.
15 हजार करोड़ की संपत्ति को सरकार ने शत्रु संपत्ति माना
इस बीच में भोपाल की कई बड़ी संपत्तियों का सौदा निजी लोगों को कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद लगभग 15000 करोड़ रुपए की संपत्ति में बची हुई थी. साल 2015 में मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल में नवाब की खाली पड़ी संपत्ति को शत्रु संपत्ति मानते हुए अधिग्रहित करने का नोटिस जारी किया. मौजूदा समय में इस संपत्ति का मालिक पटौदी खानदान के वारिस फिल्म अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार है. सैफ अली खान ने सरकार के इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी.
सैफ अली ने शत्रु संपत्ति पर जताया हक
उन्होंने यह दावा किया कि यह संपत्ति शत्रु संपत्ति नहीं है, बल्कि इस पर उनका अधिकार है. 2015 से लगातार इस मामले पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. 13 दिसंबर 2024 में इस मामले पर फैसला सुनाते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सैफ अली खान के दावे को निरस्त कर दिया. इसके बाद सरकार को यह अधिकार दिया कि वह पटौदी खानदान की संपत्ति का अधिग्रहण कर सकते हैं. इस आदेश में इस बात का जिक्र भी है कि सैफ अली खान और उनका परिवार इस मामले को अपीलीय न्यायाधिकरण में 30 दिनों तक चुनौती दे सकता है.
30 दिन की यह अवधि 13 जनवरी 2025 को पूरी हो रही थी, लेकिन सैफ अली खान की तरफ से हाई कोर्ट के इस आदेश को चुनौती नहीं दी गई. इसलिए फिलहाल सरकार के पास यह स्वतंत्रता है कि वह इस संपत्ति को अधिग्रहित कर सकती है.
15 हजार करोड़ की संपत्ति पर सरकार कर सकती है कब्जा
हालांकि इस मामले को मुंबई में सैफ अली खान के ऊपर हुए हमले से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि ऐसी संभावना है कि यदि पूरी तरह स्वस्थ होते तो इस मामले को वह चुनौती जरूर देते, लेकिन फिलहाल खुद पर हुए हमले के चलते वह अस्पताल में भर्ती थे. इस वजह से उन्होंने इस आदेश को चुनौती नहीं दे पाए. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एडवोकेट राजेश चांद का कहना है कि "भले ही सैफ अली खान 30 दिनों में इस आदेश के खिलाफ कोर्ट नहीं गए हों, लेकिन इससे उनका अधिकार पूरी तरह खत्म नहीं होता, क्योंकि सैफ अली खान के ऊपर हमला हुआ है, यह बात रिकॉर्ड में है. इसलिए वे इस आधार पर बाद में भी कोर्ट में आवेदन लगा सकते हैं."