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नशीला सिरप कोरेक्स बनाने वालों की खैर नहीं, जबलपुर हाईकोर्ट ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश - JABALPUR HIGHCOURT ON COREX SYRUP

प्रतिबंध के बावजूद भी कोरेक्स सिरप के उत्पादन पर हाईकोर्ट की नाराजगी, याचिका की सुनवाई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को मिले आदेश.

JABALPUR HIGHCOURT ON COREX SYRUP
प्रतिबंध के बावजूद हो रहा कोरेक्स सिरप का उत्पादन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 1:11 PM IST

जबलपुर : केन्द्र सरकार ने मानव जीवन के लिए हानिकारक कोरेक्स कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस प्रतिबंधित के बावजूद भी कोरेक्स सिरप का उत्पादन और खुले बाजार में बिक्री हो रही है, जिसे चुनौती देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने प्रतिबंधित सिरप का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

2 साल पहले सरकार ने लगाया बैन, फिर भी हो रहा उत्पादन

जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार ने जून 2023 में नोटिफिकेशन जारी कर क्लोफेनिरामाइन व कोडिन से युक्त कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद भी ऐसे कप सिरप का उत्पादन जारी है. याचिका में कहा गया है कि ऐसे कफ सिरप का उत्पादन नशे के लिए किया जाता है. देश सहित प्रदेश के कई स्थानों में बड़ी संख्या में प्रतिबंधित सिरप पकड़े गए हैं.

कार्रवाई करने में जिम्मेदार फेल

याचिका में आगे कहा गया कि अधिसूचना के तहत इस तरह की गतिविधियों पर ड्रग कंट्रोलर, ड्रग इंस्पेक्टर व नारकोटिक्स कंट्रोल को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. संबंधित अधिकारियों द्वारा दायित्व का सही तरीके से परिपालन नहीं किए जाने के कारण प्रतिबंधित सिरप के उत्पादन का कारोबार फल-फूल रहा है. प्रतिबंधित सिरप बनाने वाली कंपनी पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती है. याचिका के माध्यम से अपील की गई कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का पालन शत-प्रतिशत हो और इस नशीले सिरप का उत्पादन व व्यापार बंद हो.

कोर्ट ने दिए कंपनियों पर कार्रवाई के आदेश

याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल, प्रदेश सरकार के खाद्य एवं औषधि विभाग के ड्रग कंट्रोलर व डायरेक्टर जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अंतरिम राहत के लिए आवेदन पेश किया गया था.

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आवेदन के साथ याचिकाकर्ता ने 30 से अधिक एफआईआर की जानकारी पेश करते हुए बताया कि प्रतिबंधित सिरप मिलने पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं, पर सिरप उत्पादन करने वाली कंपनियों पर भी कार्रवाई की जाए. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को नशीला सिरप बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

जबलपुर : केन्द्र सरकार ने मानव जीवन के लिए हानिकारक कोरेक्स कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस प्रतिबंधित के बावजूद भी कोरेक्स सिरप का उत्पादन और खुले बाजार में बिक्री हो रही है, जिसे चुनौती देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने प्रतिबंधित सिरप का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

2 साल पहले सरकार ने लगाया बैन, फिर भी हो रहा उत्पादन

जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार ने जून 2023 में नोटिफिकेशन जारी कर क्लोफेनिरामाइन व कोडिन से युक्त कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद भी ऐसे कप सिरप का उत्पादन जारी है. याचिका में कहा गया है कि ऐसे कफ सिरप का उत्पादन नशे के लिए किया जाता है. देश सहित प्रदेश के कई स्थानों में बड़ी संख्या में प्रतिबंधित सिरप पकड़े गए हैं.

कार्रवाई करने में जिम्मेदार फेल

याचिका में आगे कहा गया कि अधिसूचना के तहत इस तरह की गतिविधियों पर ड्रग कंट्रोलर, ड्रग इंस्पेक्टर व नारकोटिक्स कंट्रोल को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. संबंधित अधिकारियों द्वारा दायित्व का सही तरीके से परिपालन नहीं किए जाने के कारण प्रतिबंधित सिरप के उत्पादन का कारोबार फल-फूल रहा है. प्रतिबंधित सिरप बनाने वाली कंपनी पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती है. याचिका के माध्यम से अपील की गई कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का पालन शत-प्रतिशत हो और इस नशीले सिरप का उत्पादन व व्यापार बंद हो.

कोर्ट ने दिए कंपनियों पर कार्रवाई के आदेश

याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल, प्रदेश सरकार के खाद्य एवं औषधि विभाग के ड्रग कंट्रोलर व डायरेक्टर जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अंतरिम राहत के लिए आवेदन पेश किया गया था.

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आवेदन के साथ याचिकाकर्ता ने 30 से अधिक एफआईआर की जानकारी पेश करते हुए बताया कि प्रतिबंधित सिरप मिलने पर प्रकरण दर्ज किए गए हैं, पर सिरप उत्पादन करने वाली कंपनियों पर भी कार्रवाई की जाए. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को नशीला सिरप बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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