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अब बाढ़ आने से पहले ही मिल जाएगी सूचना, शाक्टी में लगा अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम - Kullu Disaster Update

Early Flood Alarm System Installed In Shakti: हिमाचल प्रदेश में हर साल मानसून सीजन में नदी-नालों में बाढ़ आने से जानमाल की क्षति होती है. ऐसे में अगर समय रहते बाढ़ आने की सूचना मिल जाए तो कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है. आपदा के खतरे को देखते हुए कुल्लू जिले के दुर्गम क्षेत्र शाक्टी में अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम स्थापित किया गया है. ताकि, वक्त रहते लोगों को बाढ़ आने की सूचना मिलने पर सुरक्षति स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

शाक्टी में लगा अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम
शाक्टी में लगा अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 3:40 PM IST

कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के सबसे दुर्गम क्षेत्र शाक्टी, मरौड़, शुगाड में अब फ्लड आने पर समय रहते लोगों को सूचना मिल जाएगी और कोई बड़ा हादसा होने से बच जाएगा. अति दुर्गम होने के कारण इससे पूर्व यहां पर आपदा के समय में लोगों को जानकारी नहीं मिलती थी, जिस कारण अधिक नुकसान की संभावना बनी रहती है. अब यहां पर सरकार एवं प्रशासन द्वारा 69 लाख रुपये की लागत से शाक्टी में अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम स्थापित किया गया है. हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम लगाया गया है. ताकि इस सिस्टम की मदद से आपदा के बारे में पहले ही सूचना मिल सके.

वर्ष 2023 में आई आपदा को देखते हुए सरकार और प्रशासन अब सजग है. यही वजह है कि शाक्टी में अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम लगाया गया है. इस सिस्टम की मदद से समय पर और सटीक प्रारंभिक चेतावनी मिलेगी. जिससे दुर्गम क्षेत्र में संपत्ति और कई लोगों की जान बचा सकती है. साल 1854 में फ्रांस ने सीन नदी पर दुनिया की पहली बाढ़ चेतावनी प्रणाली स्थापित की थी. कई विकसित देशों ने कई नदियों पर स्वचालित बाढ़ चेतावनी प्रणाली स्थापित की है.

अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम लगने के बाद इसकी सूचना हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा लगाए गए सिस्टम को जाएगी. जहां से इसकी सूचना जिला व उपमंडल प्रशासन को दी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. इसकी कैसे रोकथाम करनी है, इससे कैसे बचा जा सकता है? इस पर कार्य किया जाएगा.

वर्ष 2023 में शाक्टी में हुआ था नुकसान
साल 2023 में आई आपदा के समय सैंज घाटी में बाढ़ की सूचना कई दिन बाद मिली थी. तब तक भारी नुकसान हो चुका था. दुर्गम गांव शाक्टी में भारी वर्षा से पिन पार्वती नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ने से पुलिया बह गई. इस दौरान ग्रामीण रात भर सहमे रहे. बाढ़ के पानी की चपेट में शुगाड़ से शाक्टी एवं मरौड़ गांवों को जाने वाला एकमात्र रास्ता भी इसकी चपेट में आया था. इस कारण लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई थी. अचानक बढ़े नदी के जलस्तर से स्कूल प्रांगण और बगीचे भी बाढ़ की चपेट में आ गए थे.

बाढ़ चेतावनी प्रणाली क्या है?
बाढ़ चेतावनी प्रणाली जलस्तर में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी करती है और चेतावनी देती है. बाढ़ चेतावनी प्रणाली कंप्यूटर प्रौद्योगिकी, डेटाबेस प्रौद्योगिकी, संचार प्रौद्योगिकी और सेंसर प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है. नदी में वर्षा, जलस्तर और प्रवाह वेग की निगरानी महत्वपूर्ण माप बिंदुओं पर की जाती है. निगरानी डेटा को वायर्ड या वायरलेस सिग्नल के माध्यम से सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म पर प्रेषित किया जाता है. आपदा के विनाशकारी प्रभावों को कम करने में काम आने वाला एक असरदार वार्निंग सिस्टम कई लोगों की जान बचाने और आपदा से महज 24 घंटे पहले भी एक्टिव होने पर नुकसान को 30 फीसदी तक कम करने में सक्षम है. यह सिस्टम खतरे के 24 घंटे पहले ही चेतावनी देना शुरू कर देता है.

"शाक्टी में अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम स्थापित कर दिया गया है. बाढ़ आने पर इसका डाटा हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के पास आ जाएगा. इसको तुरंत प्रशासन को भेजा जाएगा. इसके बाद यहां पर हो रहे नुकसान को बचाया जा सकता है":- पंकज शर्मा, एसडीएम बंजार

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