शिमला: हिमाचल प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए हिमाचल सरकार ने फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी के साथ एमओयू साइन किया है. हिमाचल प्रदेश सरकार और फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी के बीच प्रदेश सचिवालय शिमला में हिमाचल प्रदेश-आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं तैयारी परियोजना पर समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर (MOU) किए गए.
इसके तहत हर जिला में आपदा से निपटने के लिए हर जिला में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर खोलने के साथ ही हिमालय सेंटर फॉर डिजास्टर रिस्क डिटेक्शन स्थापित किया जाएगा. भूस्खलन को रोकने के लिए बायो इंजीनियरिंग नर्सरी लगाने के अलावा जंगल मे आग को रोकने के लिए फायर स्टेशन सेटअप करने के साथ हेलीपैड सेटअप करना है. साथ ही पालपुर में एसडीआरएफ को भी स्थापित किया जाएगा.
आपदा के जोखिम को कम करने का रहेगा प्रयास
एसीएस राजस्व ओंकार शर्मा ने कहा कि, 'परियोजना के तहत फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी से 100 मिलियन यूरो यानी 900 करोड़ के द्विपक्षीय वित्त समझौता के साथ सरकार एवं समुदायों की आपदा जोखिम प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन क्षमता को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित रहेगा. ये परियोजना हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रमुख परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम को कम करना एवं अनुकूलन रणनीतियों के माध्यम से दीर्घकालिक तैयारी को सुनिश्चित करना है. इसके तहत हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर आपदाओं से समय रहते निपटने पर काम किया जाएगा.'
अर्ली वार्निंग सिस्टम को किया जाएगा मजबूत
जलवायु परिवर्तनों का असेसमेंट करना है. इसके साथ ही अर्ली वार्निंग सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा. फॉरकास्टिंग को एक्यूरेट करने पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि बागवानों, किसानों को इसका लाभ मिले. प्रदेश में भूस्खलन के 16-17 हजार प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. इनको नियंत्रित करने का काम किया जाएगा.